
और वर्तमान में हर प्रकार की ताड़ना आनंद की नहीं, पर शोक ही की बात दिखाई पड़ती है। तौभी जो उसको सहते सहते पक्के हो गए हैं पीछे उन्हें चैन के साथ धर्म का प्रतिफल मिलता है। -इब्रानियों 12:11
मनुष्य जाति अभ्यास करने के लिए बनाई गई। हमारे शरीर की हड्डियाँ एक साथ जुड़ी हुई और उपयुक्त हैं। क्योंकि परमेश्वर ने अपेक्षा की कि हम बहुत अधिक गतिविधि करेंगे। अंगीकृत रूप से नोहा की कार्य करने की दिनचर्या या मूसा, पिलातुस के सत्रों के बारे में अधिक नहीं जानते हैं। क्या इसका यह तात्पर्य है कि पिछले समय के लोग अधिक अभ्यास नहीं करते थे? इसके ठीक विपरीत है! सब कुछ वे जो जीवन में करते थे उसमें अभ्यास शामिल था। गाड़ियों, बिजली, मशीन, और संसार में सब कुछ मानव की ताकत या जानवर की ताकत से चलाई जाती थी। यदि आपको कहीं जाना होता था तो आप पैदल जाते थे।
यदि आप अपने साथ कुछ लाना चाहते तो आप उसे उठाकर ले आते। आप हाथों से कपड़े धोते। इमारती लकड़ी खुद काटते और अपना अनाज स्वयं पीसते। हो सकता है शारीरिक क्रियाशीलता वाली दिनचर्या बाइबल के चरित्रों के लम्बे जीवन का एक कारण रहा हो। सबसे अच्छा चलने वाला यीशु हो सकता है। वह लगभग रोज़ गलील में अपने घर से यरूशलेम तक चलता था – लगभग 120 किमी की दूरी! उसकी सेवकाई के दौरान वह हज़ारों मील चला होगा।
यीशु के दिनों में 10 मील की थोड़ी दूरी चलने के विषय में सोचते थे। और चूँकि वे यह अपने जीवन भर करते थे, इसलिए बड़ी आसानी से ऐसी लम्बी दूरियाँ चलने के लिए उनके पास अच्छी तरह विकसित मज़बूत शरीर होते थे। निरंतर व्यायाम आपको वजन घटाने और अच्छा दिखने में सहायता करता है, परन्तु निरंतर व्यायाम से अच्छा दिखने से परे और भी बहुत से लाभ हैं। व्यायाम से कुछ ऐसी स्थितियों में पड़ने से आप बच सकते हैं वह है हृदय की बीमारी, आघात, मधुमेह, अर्बुद, जोड़ों का दर्द, दमा, अवसाद, वायु संबंधी बीमारियाँ। आपको सर्दी कम होगी, कम तनाव महसूस करेंगे, और भले चंगे दिखेंगे!