क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लहू और माँस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अन्धकार के हाकिमों से, और उस दुष्टता की आत्मिक सैनाओं से है जो आकाश में हैं। -इफिसियों 6:12
क्या आप चुनौती भरी परिस्थितियों का सामना कर रहे है? क्या आपको कुछ क्षेत्रों में प्रावधान की आवश्यकता है और निश्चित नहीं है कि यह कहां से आएगा? मसीही आज गंभीर कठिनाईयों का सामना हल कर रहे है। कुछ ने अपनी नौकरियों और लाभों को गँवा लिया है। दूसरे सेहत समस्याओं के साथ संघर्ष कर रहे और निरंतर इस चिंता में रहते कि पनाह, भोजन और कपड़ों जैसी साधारण आवश्यकताओं के अलावा दवाईयों और डॉक्टर के पास जाने के खर्च को पूरा करना है।
यहां पर संसार में बहुत सी बातें है जो हमें भयभीत करती है। पर हमारा सबसे बड़ा दुश्मन भय-वहां नहीं होता है।
इफिसियों 6:12 हमें याद कराती है कि हमारा युद्ध माँस और लहू से नहीं है, पर हमारी आत्मा के दुश्मन के साथ है। हमें हमारी लड़ाईयों में दुश्मन की पहचान के बारे उलझन में नहीं पड़ना है।
कृतज्ञता से, हमारा अदृश्य परमेश्वर हमारे अदृश्य दुश्मन के साथ सामना करने के लिए बेहद योग्य है। जब हम हमारे लिए परमेश्वर के बेशर्ता प्रेम की एक गहन समझ को प्राप्त करते है, हम इस बात को पहचानते कि सब जो हमें चिंतित करता है उसकी देखभाल वह करेगा।
आपको आपके अदृश्य दुश्मन से डरने की आवश्यक्ता नहीं है। परमेश्वर में भरोसा करें, क्योंकि वही केवल अन्धकार की आत्मिक ताकतों को हरा सकता है।
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, मुझे यह ना भूलने दें कि मेरा असल दुश्मन कौन है, और मुझे यह भी ना भूलने दें कि आप सर्वशक्तिमान है। मैं जानती हूँ कि मैं सब जो दुश्मन मेरी तरफ फैंकता उस का सामना नहीं कर सकती, पर आप कर सकते है।