क्योंकि उसमें परमेश्वर की धार्मिकता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है, “विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा।” रोमियों 1:17
वर्षों पहले, जब मैं आत्मविश्वास के बारे में सीख रही थी और एक आत्मविश्वास से भरा जीवन जीने की कोशिश कर रही थी, तब भी मैं गलतियां करने या परमेश्वर को “भूल जाने” के बारे में चिंतित रहती थी। मुझे याद है कि उसने मेरे हृदय में बहुत ही स्पष्ट रूप से कहा कि, “जॉयस, इसकी चिंता मत कर। अगर तू मुझे भूल जाएगी, तो मैं तुझे ढूंढ लूंगा।” इस आश्वासन ने मुझे डर के बजाय आत्मविश्वास और भरोसे में अपना जीवन जीना सीखने में मदद की।
जब मैं विश्वास के बारे में बात करती हूं, तब मैं अक्सर आत्मविश्वास शब्द का उपयोग करती हूं, क्योंकि विश्वास वास्तव में परमेश्वर में पूर्ण आत्मविश्वास का एक दृष्टिकोण है। यह एक आश्वासन है जो हमें परमेश्वर के आराम में लाता है।
मेरा मानना है कि हम परमेश्वर के जितने करीब आएंगे, हम उतने ही अधिक आत्मविश्वास से भर जाएंगे। यह अपने आप में का आत्मविश्वास नहीं, लेकिन हमारे जीवन में की उसकी अच्छाई और उपस्थिति के बारे में का आत्मविश्वास है। जब हम प्रार्थना करते हैं, तब हम आत्मविश्वास से भरे हो सकते हैं, हमारे रिश्तों में आत्मविश्वास से भरे, जब हम निर्णय लेते हैं तब आत्मविश्वास से भरे, और जब हम अपनी दैनिक जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं तब भी आत्मविश्वास से भरे।
आज, मैं आपको एक साहसिक रुख अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती हूं और कहती हूं कि : “मैं परमेश्वर के साथ मेरे रिश्ते में पूरे आत्मविश्वास के साथ जीवन जिऊंगी। मुझे विश्वास है कि वह मेरी अगुवाई करेगा। मुझे विश्वास है कि मैं अच्छे निर्णय ले सकती हूं। मुझे विश्वास है कि मेरी प्रार्थनाएं शक्तिशाली हैं। मुझे विश्वास है कि परमेश्वर मुझसे प्रेम करता है और मेरे जीवन के लिए उसके पास एक अच्छी योजना है।”
आत्मविश्वासी “होने” के लिए आपको आत्मविश्वास “महसूस” करने की ज़रूरत नहीं है!