शरीर पर मन लगाना तो मृत्यु है, परन्तु आत्मा पर मन लगाना जीवन और शान्ति है। – रोमियों 8:6
आप और मैं अभी इस समय एक युद्ध के बीच में है। यह आत्मिक युद्ध है, और हम इस युग के अन्धकार के विरूद्ध, दुष्टता की आत्मिक सैनाओं के विरूद्ध लड़ते है (इफिसियों 6:12)। लड़ाई को जीतने के लिए हमारे पास पवित्र आत्मा का मन होने की आवश्यक्ता है।
दुख के साथ, यहां पर बहुत से विश्वासी है जो शरीर के मन के साथ कार्य करते है। पर अगर हम एक ऐसे ढंग में जीवन व्यतीत करना चाहते जो हमारे संसार को बदल सकता है, तब हमें शरीर में जीवन व्यतीत करना बंद करना और आत्मा में जीवन व्यतीत करना शुरू करना है।
हम में से प्रत्येक को हमारी शरीरिक इच्छाओं को निरंतर पवित्र आत्मा के नियंत्रण में लाने और हमारी भावनाओं या मन को हम पर राज्य करने की अनुमति ना देने के लिए समयोजन करने की आवश्यक्ता होती है। पवित्र वचन व्याख्या करता है कि आत्मा शरीर के विरूद्ध लड़ाई करता और शरीर आत्मा के विरूद्ध लड़ाई करता है, इसलिए वह निरंतर एक दूसरे के प्रति विरोधी है।
यह एक युद्ध है! शैतान हम से नफरत करता है, और वह निरंतर यह सुनिश्चित करने के लिए है कि हम शरीर में आ जाएं, अधिक समय तक काम करता रहता है।
अंत में, आप निर्णय करते है कि आपके जीवन में कौन जीतता है। सुसमाचार यह है कि आपको आपके शरीर के अधीन होने की आवश्यक्ता नहीं है। आप आपके शरीर को उसकी इच्छा के साथ मेल में लाते आत्मा में जीवन व्यतीत कर सकते है। आप आज लड़ाई को जीत सकते है!
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, मैं आज लड़ाई को जीतना चाहती हूँ। मैं पवित्र आत्मा के मन को पाना चाहती हूँ, जो जीवन और शांति है। मैं आज आपके आत्मा को चुनती हूँ। मेरे शरीर को आपकी इच्छा में लाने में मेरी सहायता करें।