आप प्रार्थना का स्थान हैं

आप प्रार्थना का स्थान हैं

क्योंकि हम परमेश्‍वर के सहकर्मी हैं (संयुक्त प्रोत्साहक, मिलकर एक साथ काम करनेवाले मजदूर); तुम परमेश्‍वर की खेती और परमेश्‍वर की रचना हो। —1 कुरिन्थियों 3:9

पुरानी वाचा के तहत, मंदिर परमेश्वर का घर था, जो उसके लोगों, इस्राएल की संतान के लिए प्रार्थना का स्थान था। मंदिर में तीन कक्ष थे, जिनमें से एक परम पवित्र स्थान था, और इसमें परमेश्वर की उपस्थिति थी! आश्चर्यजनक रूप से, अब हमारी नवीनीकृत और पवित्र की गयी आत्मा वह स्थान है जहां परमेश्वर की उपस्थिति वास करती है!

नई वाचा के तहत, प्रेरित पौलुस हमें बताता है कि परमेश्वर की उपस्थिति अब एक खुला हुआ रहस्य है, जिसका अर्थ है कि मसीह जो “महिमा की आशा” है वह हम में वास करता है (कुलुस्सियों 1:27)। अब मसीह के साथ आपकी सहभागिता के कारण, आप परमेश्वर के करीब जा सकते हैं क्योंकि आप परमेश्वर के जीवित मंदिर हैं। पवित्र आत्मा आप में वास करता है, एक ऐसी इमारत जो अभी भी निर्माणाधीन है, लेकिन फिर भी उसका घर, उसका तम्बू है। पौलुस हमें पवित्र जीवन जीने के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए और बहुत सी बातें बताता है क्योंकि हम परमेश्वर के मंदिर हैं।

जबकि इस्राएल की संतान को विस्तृत निर्देशों के साथ आराधना करने के लिए एक विशिष्ट स्थान पर जाना पड़ता था, हमारे पास कहीं भी और किसी भी समय परमेश्वर की आराधना करने का अविश्वसनीय विशेषाधिकार है। इसलिए, हमें प्रार्थना का घर कहा जा सकता है।


हम हमेशा परमेश्वर के करीब हैं क्योंकि वह हम में वास करता है!

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