
जो पाप से अज्ञात था उसी को उसने हमारे लिए पाप ठहराया कि हम उसमें होकर परमेश्वर की धार्मिकता (के रूप में देखे जाएँ, के उदाहरण के रूप में) बन जाएँ। -2 कुरिन्थियों 5:21
क्या होता यदि आप कहीं जाते और किसी ऐसे व्यक्ति से मिलते जिसे आप पसंद नहीं करते हैं। क्या यह भयानक नहीं होगा? आप एक पार्टी में जाते हैं और वहाँ पर उसकी बातचीत और दृष्टिकोण को सहना है। आप कलीसिया जाते हैं और वह आपके ठीक पीछे बैठा हुआ है। कितना ही कष्ट दायक है कि आपको इस व्यक्ति के साथ बहुत सारा समय व्यतीत करना पड़ता है या पड़ेगा आप सोचते हैं। तब यह और भी बुरा हो जाता है कि वह खाने की मेज़ पर भी आपके साथ है! वह तालाब के पास भी है, वह आपके बीस्तर में भी है! यह बहुत अजीब सा सुनाई देता है। परन्तु यह वास्तविक परिस्थिती है जिसमें आप स्वयं को पाते हैं। यदि आप स्वयं को पसंद नहीं करते हैं क्योंकि आप हर कहीं हैं जहाँ आप जाते हैं। आप अपने आप से नहीं भाग सकते, एक क्षण के लिए भी नहीं। इसलिए आप स्वयं की संगति को पसंद नहीं करते हैं तो आप एक उदास जीवन व्यतीत करते हैं।
परन्तु आप विश्वास करे या न करे चाहे हम सब सहमत हों कि इस प्रकार से अपना जीवन जीने का कोई अर्थ नहीं है। मैं पाता हूँ कि अधिकांश लोग स्वयं को पसंद नहीं करते हैं। हो सकता है कि वे इसे समझते नहीं हैं, परन्तु कुछ उचित और आत्म परख इस दुःखद पहलु को प्रगट करता है कि उन्होंने अपने आपको त्याग दिया है और कुछ बातों पर वे स्वयं से घृणा भी करते हैं। पीछले वर्षों में मैंने बहुत सारे लोगों का सामना किया है अपनी सेवकाई में और दैनिक जीवन में मैं चकित होती हूँ कि कैसे कुछ लोग स्वयं के साथ शांति से रहते हैं, इसके बजाए कि उन्होंने अपने साथ ये घोषण कर रखी हो।
परमेश्वर चाहता है कि आप स्वयं से प्यार करें किसी स्वार्थी या अभिमानी रीति से नहीं परन्तु उस स्वस्थ रीति से जो सचमुच में समझते हैं कि आप परमेश्वर के लिए कितने विशेष हैं। जब आप अपने आपको ऐसा देखना प्रारंभ करते हैं जैसा परमेश्वर देखता है। तब न केवल आप स्वयं को प्यार करेंगे परन्तु आपके अंदर आत्मविश्वास और सामर्थ्य होगा संसार में भलाई करने के लिए।