यहोवा के नाम की महिमा करो; पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत् करो। भजन संहिता 29:2
जब हम परमेश्वर की आराधना करते हैं, तब हम वह जो कुछ है उसके लिए, उसने हमारे जीवन में की हुई सारी चीजों के लिए, और वह हमारे जीवन में अभी भी जो कुछ करनेवाला है उन सारी चीजों के लिए उसकी सराहना करते हैं।
आराधना हम से संबंधित नहीं है – यह सिर्फ परमेश्वर से संबंधित है। लेकिन भले ही आराधना आप से संबंधित नहीं है, पर आराधना आपको बदल देती है। परमेश्वर आपके भीतर जिन परिवर्तनों को लाने के लिए पहले ही कार्य कर रहा है उन परिवर्तनों के लिए परमेश्वर की आराधना शुरू करने से आप जान जाते हैं कि वे परिवर्तन अधिक से अधिक प्रकट होने लगे हैं, और आप परमेश्वर की महिमा के नए स्तरों का अनुभव करते हैं। दूसरे शब्दों में, परमेश्वर उपासक के निकट रहता है, और वह अपनी भलाई उन लोगों पर उंडेलेगा जो उसकी बड़ाई करना चुनते हैं।
एक मुक्ति है जो आराधना के द्वारा आती है। कभी-कभी हमें मानसिक या भावनात्मक मुक्ति की आवश्यकता होती है। जब हम प्रभु की आराधना करते हैं, तब हम अपने उस भावनात्मक या मानसिक बोझ को छोड़ देते हैं जो हमें दबा रहा होता है। यह परमेश्वर की अद्भुतता और महिमा में निगल लिया जाता है।
मैं आपको प्रोत्साहित करती हूं कि आप सुबह जल्द ही आराधना करना शुरू करें। जब आप अपने दिन के लिए तैयार हो रहे हों, और जब आप काम पर हों या बाहर के अन्य काम कर रहे हों तब आराधना करें। और दिन के अंत में परमेश्वर ने आपको जिन चीजों में से होकर लाया है उसके लिए परमेश्वर की आराधना करें। आप यह देखकर चकित रह जाएंगे कि जब आप परमेश्वर को अपने जीवन में सर्वोच्च स्थान पर रखते हैं तब घर पर और काम पर भी चीजें कैसे बदलने लगती हैं।
आराधना एक ऐसा वातावरण बनाती है जहां परमेश्वर कार्य कर सकता है।