परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते है, वे नया बल प्राप्त करते जाएँगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। -यशायाह 40:31
लोग अक्सर पूछते है, “मैं कैसे सुनिश्चित कर सकता हूँ कि मैं परमेश्वर से सुन रहा हूँ या यह केवल मेरी सोच है?”
मैं विश्वास करती हूँ कि उत्तर इंतजार करना सीखना है। बड़े फैसलों के साथ, हम अक्सर जल्दबाजी की आवश्यकता को महसूस करते है। हमें कुछ करना होगा और इसे अभी करना होगा! पर धर्मी बुद्धि हमें तब तक इंतजार करने के लिए कहती है जब तक हमें एक साफ तस्वीर नहीं दिखती कि हमें क्या करना है और कब इसे करना है।
हम सब को एक कदम पीछे हटने की योग्यता को विकसित करना और हर स्थिति को परमेश्वर के नजरिए से देखने की योग्यता विकसित करने की आवश्यकता है। केवल तब ही हम उस ढंग से निर्णय कर सकते है जैसा वह चाहता है।
बल इंतजार करने में पाया जाता है। जब आप प्रभु का इंतजार करते है, आप अपने आत्मा में महसूस कर सकते कि असल में प्रभु क्या चाहता कि आप करें…ना कि जो आप सोचते कि वह चाहता किया जाए।
जब आप किसी मुश्किल निर्णय का सामना करते है, तो एक कदम उठाने से पहले जिसके लिए बाद में पछतावा हो एक स्पष्ट उत्तर के लिए इंतजार करना बुद्धिमानी होती है। यह असुविधाजनक हो सकता और हम जल्दबाजी करना चाह सकते है, पर परमेश्वर की बुद्धि और ज्ञान के ऊपर दबाव को प्रधानता ना लेने दे।
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, मैं उस पल की गर्मी में जिसमें मैं फैसला ले कर बाद में पछताऊँ फँसना नहीं चाहती हूँ। प्रतिदिन आपका इंतजार करना मुझे याद कराएं। यह हो सकता मुश्किल हो, आपकी बुद्धि और ज्ञान को प्राप्त करना इसे मूल्यवान बनाता है।