उत्तम विचारों को चुनें और एक उत्तम जीवन को पाएं

उत्तम विचारों को चुनें और एक उत्तम जीवन को पाएं

जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा। – नीतिवचन 18:21

यह आयत साफ-साफ बताती है कि मृत्यु और जीवन उन शब्दों में होता जो हम बोलते है। यह महत्पूर्ण है कि हम हमारे मुँह पर नियंत्रण करना सीखें, पर हमें यह सुनिश्चित करना है कि हम इसे सही ढंग से करें।

मैं सोचता हूँ कि कुछ लोग अपने मुँह पर नियंत्रण करने का प्रयास करते है पर अपने विचारों के बारे में कुछ नहीं करते। वो ऐसे ही है जैसे एक जंगली घास को ऊपर से तोड़ देना – पर उसकी जड़ ना निकालने से वो जंगली घास फिर उग आती है। जब तक आप अपने मन पर नियंत्रण करना नहीं चुनते आप कभी भी आपके मुँह पर नियंत्रण नहीं कर सकते।
हम अक्सर गलत विचार सोचने की परीक्षा में पड़ते है, पर हमें उन्हें स्वीकार नहीं करना है। हमारे पास एक चुनाव है! हम जानबूझकर सही विचारों को चुन सकते है। ताकि हम सही बातचीत को चुन सकें।

आप परमेश्वर और उसके वचन के बारे में सुनने, पढ़ने, सोचने और बात करने के द्वारा जीवन पैदा करने वाले विचारों को चुन सकते है। जो आपके अन्दर है वही बाहर अपने मार्ग को खोजेगा, इसलिए जब आप आपके मन को परमेश्वर से अच्छे, सकारात्मक, शक्तिशाली, जीवन देने वाली परमेश्वर की बातों को भरेंगे तो, सकारात्मक, शक्तिशाली, जीवन देने वाले शब्द स्वाभाविक ही बाहर निकलेंगे।


आरंभक प्रार्थना

पवित्र आत्मा, मैं अपने विचारों को बदलना चाहती हूँ ताकि मैं जीवन देने वाले शब्दों को बोल सकूँ। आपके वचन के साथ मेरे मन को नया करने में मेरी सहायता करें ताकि मेरे शब्द आपको प्रदर्शित करें।

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