उद्धार पाए हुए सेवा करने के लिए

इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष करके विश्वासी भाइयों के साथ। (गलातियों 6:10)।

जब आप अपने दिन की शुरूआत करते है, तब आज और हर दिन जो आप अन्यों की सहायता करने के लिए कर सकते उस के बारे में परमेश्वर को आपसे बात करने के लिए कहें। हम परमेश्वर के द्वारा उद्धार पाए हुए है ताकि हम उसकी और अन्यों की सेवा कर सकें। परमेश्वर ने आदम और हव्वा को समय के आरम्भ में ही उनके सभी संसाधनों को परमेश्वर और मनुष्य की सेवा के लिए इस्तेमाल करने को कहा था। एक सच्चा महान पुरूष और स्त्री वो होते है जो सेवा करते है। यहां तक कि एक अगुवे को भी दास – अगुवा होना चाहिए।

जब यीशु के शिष्यों ने उससे पूछा कि उनमें से बड़ा कौन था, उसने जवाब दिया कि जो कोई भी महान होना चाहता है वह एक दास बनें (देखें मत्ती 20:26)। क्या आप परमेश्वर से सुनने में दिलचस्पी रखते है? अगर ऐसा हो तो, तब उससे पूछें कि आपको बताएं कि आपको किसकी सहायता करनी और किसे आशीषित करना है। अगर हम केवल इसके बारे में परमेश्वर से सुनना चाहते है कि क्या वह हमारी सहायता करेगा, तब उसके पास कहने के लिए ज्यादा नहीं हो सकता क्योंकि वह स्वार्थी होने में हमारी सहायता करने के लिए दिलचस्प नहीं है। अगर हम सचमुच अन्यों की परवाह करते है तो हम अक्सर देखते है कि उनकी सेवा करने के हमारे प्रयासों के बीच में, हमारी अपनी समस्याएं ज्यादा हमारी तरफ से कुछ किए बिना परमेश्वर के द्वारा ईश्वरीय ढंग से हल हो जाती है।

परमेश्वर के राज्य में, “दास” का पद सबसे ऊँचा है। मसीह सेवा कराने की बजाय सेवा करने के लिए आया था (देखें मरकुस 10:45)। कोई भी सेवा कर सकता है अगर वह ऐसा करने के इच्छुक है। जो लोग कहते कि उनकी जरूरत और आवश्यकता है तो उनकी सुनें और सेवा करने में लग जाएं। जब आप अन्यों की सेवा करते तो मसीह के साथ आपकी निकटता बढ़ेगी क्योंकि वह एक दास है।


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः अभी इसी समय प्रार्थना करें और परमेश्वर से पूछे कि किसी अन्य की सहायता करने के लिए आज आप क्या कर सकते है। शांत, धीमी आवाज को सुनें और आज्ञाकारी होने में व्यस्त हो जाएं।

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