उसका निवास स्थान

क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर [उसका पवित्र स्थान] हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है? (1 कुरिन्थियों 3:16)

जब मैं पवित्र आत्मा के अन्दर बसने की बड़ी आशीष के बारे में सोचती हूँ तो मैं आश्चर्यचकित और विस्मयित होती हूँ। वह महान बातें करने के लिए हमें प्रेरित करता है। वह सभी हमारे लक्ष्यों के लिए हमें शक्ति के साथ भरता है। वह हमारे साथ करीबी संगति में रहते हुए, हमें ना कभी छोड़ता ना त्यागता है।

इसके बारे में सोचें – अगर आप और मैं यीशु मसीह में विश्वासी है, तो हम परमेश्वर के पवित्र आत्मा का घर है! जब तक यह सच्चाई हमारे जीवनों में एक असलियत नहीं बन जाती हमें तब तक बार-बार इस पर मनन करते रहना है। अगर हम ऐसा करते है, तो हम कभी भी लाचार, निराश, या शक्तिहीन नहीं होंगे, क्योंकि वह हमारे साथ बात करने, हमें बल देने, और हमें सशक्त करने का वायदा करता है। हम कभी भी एक मित्र के बिना या मार्गदर्शक के बिना नहीं रहेंगे क्योंकि वह हमारी अगुवाई करने और सब जो हम करते उसमें हमारे साथ जाने का वायदा करता है।

पौलुस ने अपने युवा शिष्य तीमुथियुस को लिखा था, “और पवित्र आत्मा के द्वारा जो हम में बसा हुआ है, इस अच्छी [सबसे बड़ी देखभाल] धरोहर की रखवाली [पवित्र आत्मा की सहायता के साथ] कर।” (2 तीमुथियुस 1:14)।

सच्चाईयां जो आप पवित्र आत्मा के बारे में जानते वह इतनी बहुमूल्य है; कि मैं आपको उनकी चौकसी करने और अपने दिल में रखने के लिए उत्साहित करती हूँ। उन्हें आपसे दूर जाने की अनुमति ना दें। क्योंकि आप यीशु मसीह में एक विश्वासी है, पवित्र आत्मा आपके अन्दर जो आपने सीखा केवल उसे कायम रखने में ही नहीं, पर इसे वृद्धि करने में सहायता के लिए और अन्यों के साथ बाँटने के योग्य बनाता है। उसकी प्रशंसा करें, उसका आदर करें, उसे प्रेम और उसकी प्रशंसा करें। वह बहुत भला, बहुत दयालु, बहुत शानदार है। वह अद्भुत है – और आप उसका निवासस्थान है!


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः दिन में कई बार इसे ऊँचा बोलेः “मैं परमेश्वर का निवासस्थान हूँ। वह मुझ में अपना घर बनाता है।”

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