उसकी करूणा हर दिन नई है!

उसकी करूणा हर दिन नई है!

हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है। – विलापगीत 3:22-23

हर दिन अतीत के द्वार को बंद करने और बिल्कुल नए आरम्भ को अनुभव करने का एक नया अवसर होता है। यह तथ्य कि परमेश्वर ने दिनों को चैबीस घण्टों के खण्ड में बाँटा था यह प्रमाण है कि हमें एक नियमित आधार पर इसे आरम्भ करने की आवश्यकता है। यहां पर सदा एक नया दिन, एक नया महीना और एक नया साल होता है। पर इस नई शुरूआत का फायदा उठाने के लिए, हमें ऐसा करने का एक निर्णय लेने की जरूरत होती है।

क्या आप दोष भावना और अपराध बोध के साथ लड़ाई कर रहे है? क्या आप जो आपने कुछ साल पहले किया के बारे में बुरा महसूस करते है, या कुछ जो कल ही हुआ था? चाहे कितना भी समय क्यों ना निकल चुका हो, अतीत तो अतीत है। जो हो गया वो हो गया, और केवल परमेश्वर ही इसकी देखभाल कर सकता है। आपका काम आपकी गलतियों को स्वीकार करना, पश्चाताप करना, परमेश्वर की क्षमा को प्राप्त करना, और आगे बढ़ते जाना है।

विलापगीत में, यिर्मायाह भविष्यद्वक्ता हमें इस समाचार के साथ उत्साहित करता कि परमेश्वर की दया हर सुबह नई होती है। हर दिन वो हमें एक नया आरम्भ देता है। मैं बहुत प्रसन्न हूँ कि परमेश्वर प्रतिदिन दया की एक नई खेप को प्रतिदिन भेजता है – हम हर दिन एक नया आरम्भ कर सकते है!


आरंभक प्रार्थना

परमेश्वर, मैं बहुत प्रसन्न हूँ कि आपकी दया हर सुबह नई होती है! मैं मेरे लिए आपके प्रेम, दया, तरस, और वफादारी के कारण हर दिन नया आरम्भ कर सकती हूँ।

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