अतः जान लो कि परमेश्वर के (सच्चे) लोगों के लिए सब्त का विश्राम बाकी है; क्योंकि जिसने उसके (उसके) विश्राम में प्रवेश किया है, उसने भी परमेश्वर के समान अपने कामों को पूरा करके विश्राम किया है। -इब्रानियों 4:9-10
यदि आप परेशान और निराश हैं, और उन सभी परिस्थितियों के विषय में चिन्तित और थकित हैं जो आप में होने की ज़रूरत है, तो क्यों नहीं परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हो? संघर्ष करना आपको नहीं बदलता है न ही निराशा और चिंता। जितना अधिक आप परमेश्वर में विश्राम करते हैं, उतनी ही शीघ्रता से आप परिवर्तन देखेंगे। यदि चित्रपट चित्रकार के दृश्य के अधीन संघर्ष करता तो चित्र कभी समाप्त नहीं होता। चित्रपट हमेशा शांत रहता है, पूरी रीति से चित्रकार की बुद्धि और रचनात्मकता के आधीन रहता है। ठीक इसी प्रकार हमें भी परमेश्वर के साथ होना चाहिए। वह जानता है कि वह क्या कर रहा है और कैसे करना है। हमें उसमें विश्वास करना और उसके विश्राम में प्रवेश करना है।