तू हियाब बाँध और दृढ़ हो, उनसे न डर और न भयभित हो, क्योंकि तेरे संग चलनेवाला तेरा परमेश्वर यहोवा है, वह तुझ को धोखा न देगा और न छोड़ेगा। – व्यवस्थाविवरण 31:6
भय और कुछ नहीं परन्तु एक भावना है जो कुछ निश्चित बातों का कारण बनती है। यह कप कपी, पसीना, लाल होना, काँपना, और घुटने टकराने का कारण बनती है। बाइलब यह नहीं कहती है ‘‘कपकपाओ मत।” बाइबल नहीं कहती है कि ‘‘पसीना मत लाओ,” या ‘‘काँपों नहीं” बाइबल कहती है ‘‘भय न करो”। और भय शब्द का उपयोग किसी चीज़ से भागने में किया जाता है। दूसरे शब्दों में परमेश्वर कह रहा है कि जब भय आता है तो यह इसलिए है क्योंकि भय विश्वास का दुश्मन है यह हमें नहीं रोकेगा। हमें उसे डराना है।
जब मैंने इस प्रकाशन को प्राप्त किया मैं मुश्किल से विश्वास कर पाई। इस बात का सच होना बहुत ही अच्छा लगा। मैंने समझा कि मेरे साथ कुछ भी गलत नहीं था जब मेरे घुटने नई परिस्थिती में एक साथ टकराए या जब मैंने महसूस किया कि मैं बेहोश होने जा रही थी। क्योंकि मैं आगे चली गई और मैंने जो महसूस किया उसे करने के बजाए मुझे जो करना था उसे किया। यदि हम दौड़ जाते हैं तो हम डरपोक हैं। शायद आप एक भावना को आपकी मंज़िल तय करने और आपकी मंज़िल को नियन्त्रित करने और निश्चित करने की अनुमति देते हैं। शायद आप सोचते होंगे कि कुछ लोग भय रखते हैं और कुछ लोग नहीं, परन्तु सच यह है कि भय हर व्यक्ति के पास आता है। उस भय के बावजूद आप क्या करते हैं? वह हमारे जीवन में विजय और पराजय के मध्य अंतर लाता है।