परमेश्वर ने अब्राहम से यह कहकर उसकी परीक्षा की, ‘‘हे अब्राहम!” उसने कहा, ‘‘देख, मैं (परमेश्वर) यहाँ हूँ।” उसने कहा, ‘‘अपने पुत्र को अर्थात् अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिस से तू पे्रम रखता है, संग लेकर मोरिय्याह देश में चला जा; और वहाँ उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊँगा होमबलि करके चढ़ा।” -उत्पत्ति 22:1-2
हाल ही मैं प्रभु ने मुझ से कहा, ‘‘जॉयस, क्या तुम मुझ से प्रेम करती हो? यदि ऐसा है तो क्या तुम मुझसे प्यार और मेरी सेवा करोगी तब भी जब मैं तुम्हारे लिए वो सब न करूँ जैसा तुम चाहती हो और जैसा तुम मुझसे उम्मीद रखती हो?” परमेश्वर के दर्शन के दौरान मुझ से परमेश्वर एक बहुत बड़ी सेवकाई के लिए कह रहा था। उसने यह भी कहा, ‘‘जॉयस, फिर भी मैं तुम से यहाँ सेन्ट लूईस में नदी किनारे जाने के लिए कहूँ, और अपने श्रेष्ठ जीवनभर पचास लोगों को वचन सुनाने के लिए कहूँ और तुम कभी भी जानी नहीं जाओगी, क्या तुम ऐसा करोगी?” मेरी प्रतिक्रिया थी, ‘‘परन्तु प्रभु, तुम सचमुच में मुझ से ऐसा करने के लिए नहीं कह सकते हो!”
हम स्वयं के लिए हमेशा इस प्रकार की योजना रखते हैं। यदि परमेश्वर हम से कुछ ऐसा करने के लिए कहता है, जो श्रेष्ठ न हो तो हम हमेशा इस बात में निश्चित नहीं होते कि हम उसे सही रीति से सुन रहे हैं या हमारे लिए यह उसकी इच्छा है। जब परमेश्वर ने मुझ से अपने सेवकाई के विषय में वे प्रश्न पूछे, मैंने उस रीति से महसूस किया जैसा अब्राहम उस रीति से महसूस किया होगा, जब प्रभु उससे अपने बेटे इसहाक को बलिदान करने के लिए कहा। जिसके द्वारा परमेश्वर ने उसे और पृथ्वी के सारे कुलों को आशीष देने की प्रतिज्ञा की थी। (उत्पत्ति 22 देखिए)
ऐसा लगा कि परमेश्वर मुझ से उस कार्य को छोड़ने के लिए कह रहा हो, जिसके द्वारा परमेश्वर ने मुझे और बहुत से अन्य लोगों को आशीष दिया था। परन्तु परमेश्वर मुझ से इतना कह रहा था, कि उसे वेदी पर रख दो, ठीक वैसा जैसा अब्राहम ने इसहाक को वेदी के सामने रखा। हमें किसी भी चीज़ को परमेश्वर से नहीं रख छोड़ना है, यहाँ तक कि परमेश्वर के लिए हमारा कार्य भी – परमेश्वर की तुलना में अपने लिए अधिक महत्वपूर्ण बनो। ऐसा होने से बचने के लिए समय समय पर परमेश्वर हमें उन सब को वेदी पर रखने के लिए बुलाता है, जो हमारा प्रेम और समर्पण का प्रमाण बनता है। वह वेदी पर रखने के लिए कहने के द्वारा हमारी परीक्षा करता है। वह हमारे बहुमूल्य आशीषों को वेदी पर रखने के लिए कहने के द्वारा हमारी परख करता है जो उसके प्रति हमारे प्रेम का प्रमाण है।