
तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूँ। -1 कुरिन्थियों 11:1
कैसा अद्भुत साहसी कथन है। इस पद में पौलुस वास्तव में क्या कह रहा था? 1 कुरिन्थियों 4:16 में जो उसने कहा था वही बात वह कहा रहा था। ‘‘इसलिए मैं तुम से विनती करता हूँ कि तुम मेरी सी चाल चलो।”
वह कुरिन्थ के विश्वासियों से कह रहा था, ‘‘मेरे जीवन को देखो और मैं तुम्हें दिखाऊँगा कि यीशु कैसे चाहता है कि तुम जीओ।” परमेश्वर हम से यही कराना चाहता है। वह चाहता है कि हम में यह जानने का आत्मविश्वास हो कि हम अपनी सामर्थ्य में सब कुछ परमेश्वर की आज्ञा का पालन एक ऐसे स्तर तक कर रहे हैं कि हम नहीं महसूस करते कि कुछ भी छुपाना है। वह चाहता है कि हम भरोसा रखें कि कोई भी जो हमें आदर्श मानता है वह यीशु के समान होगा स्वभाव और आचरण दोनों में।
मैं रोमियों 5:19 को पसंद करती हूँ। ‘‘क्योंकि जैसा एक मनुष्य के आज्ञा न मानने से बहुत लोग पापी ठहरे, वैसे ही एक मनुष्य के आज्ञा मानने से बहुत लोग धर्मी ठहरेंगे।”
यह पद कहता है कि एक पुरूष या स्त्री संसार को प्रभावित कर सकता है। यदि ऐसा है तो निश्चित रूप से हम जहाँ रहते हैं वहाँ के पड़ोस को प्रभावित कर सकते हैं, जहाँ कार्य करते हैं उस स्थान को, अपने मित्र श्रृंखला को, जिनके साथ हम कार्य करते हैं। यदि हम सही चुनाव करते हैं।