
उसने [यीशु] उनसे कहा, “परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?” शमौन पतरस ने उत्तर दिया, “तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है।” मत्ती 16:15-16
जब पतरस ने कहा कि यीशु ही मसीह है, जीवते परमेश्वर का पुत्र, तब यह विश्वास का बयान था। यह वाक्य को कहते हुए, पतरस विश्वास दर्शा रहा था।
मुझे नहीं लगता कि पतरस ने केवल अनजाने में या लापरवाही से यह बयान दिया है। मुझे लगता है कि उसने इसे दृढ़ता और निश्चितता के साथ कहा था जिसके द्वारा यीशु प्रभावित हुआ क्योंकि वह तुरंत पतरस की ओर मुड़ा और उससे कहा कि वह धन्य है। फिर उसने आगे कहा कि इसी विश्वास के पत्थर पर वह अपनी कलीसिया का निर्माण करेगा।
यीशु पतरस से कह रहा था, “यदि तू इस विश्वास को बनाए रखेगा, तो यह तेरे जीवन में पत्थर जैसा पदार्थ होगा जिस पर मैं तुझ में और तेरे द्वारा अपना राज्य निर्माण करूंगा। तेरा विश्वास ऐसा विकसित होगा कि तुझ पर अधोलोक के फाटक प्रबल न होंगे।”
मेरे जीवन में कई बार ऐसे समय आये हैं जब मैं निराश हो गयी थी और मुझे नहीं पता था कि क्या करना है, या मुझे लगा कि कुछ भी काम नहीं कर रहा है और हर कोई मेरे खिलाफ है। जो शब्द मैंने बार-बार सुने हैं, वे हैं, “सिर्फ विश्वास कर।”
यह वादा केवल पतरस के लिए ही नहीं था। यीशु आपसे और मुझसे यही बात कह रहा है। सिर्फ विश्वास रखें!