यहोवा के भय माननेवालो को दृढ़ भरोसा होता है, और उसके पुत्रों को शरणस्थान मिलता है।-नीतिवचन 14:26
बाइबल में वर्णित एक मात्र सही प्रकार का भय है परमेश्वर के प्रति आदरयुक्त भय। परमेश्वर का भय मानने का तात्पर्य उससे डरना या यह विश्वास करना नहीं कि वह आपका नुकसान करने जा रहा है। परमेश्वर से डरना या वह क्या कर सकता है यह परमेश्वर के भय के सही प्रकार में मिलावट करना है। परमेश्वर का भय जिसके विषय में बाइबल कहती है, उस प्रकार का भय है जो अधिकार प्राप्त किसी भी व्यक्ति के प्रति हम दर्शाते हैं। ये इस प्रकार का भय है जो बच्चों में माता पिता के प्रति, और पत्नी में पति के प्रति, और छात्रों में शिक्षक के प्रति होना चाहिए। यह एक प्रकार का ईश्वरीय आदर है जिसमें आदरयुक्त भय शामिल होता है। हमारे समाज में अधिकार के प्रति आदर का भाव अधिक नहीं रह गया है परन्तु बहुत सारा विद्रोह पाया जाता है।
नीतिवचन 14:26 एक रोचक वचन हैः ‘‘यहोवा के भय माननेवालो को दृढ़ भरोसा होता है, और उसके पुत्रों को शरणस्थान मिलता है।” क्यों? यदि आप में भय और आराधनायुक्त भय है तो आप आज्ञापालन करेंगे। परमेश्वर जो करने के लिए कहता है वह आप करेंगे और आप में उसका विश्वास और भरोसा बढ़ता रहेगा। परमेश्वर के प्रति आदरपूर्ण भय और श्रद्धा होना अन्य लोगों के साथ हमारे संबंध में एक सकारात्मक प्रभाव डालता है। मैंने ध्यान दिया है कि जितना अधिक आदरयुक्त भय और श्रद्धा मैं परमेश्वर के प्रति रखती हूँ उतना ही मैं समझती हूँ कि परमेश्वर कौन है और दूसरों के साथ व्यवहार में मैं अधिक सावधानी रखती हूँ। मैं जानती हूँ कि मुझे परमेश्वर के प्रति अपने कार्यों को हिसाब देना है और वे अन्य लोग मेरे लिए उतने ही मूल्यवान है जितना मैं स्वयं हूँ।