
देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिए फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी और निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपनी सामर्थ्य दिखाए। तू ने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिए अब से तू लड़ाईयों में फँसा रहेगा। -2 इतिहास 16:9
इस पद का किंग जैम्स का अनुवाद कहता है कि परमेश्वर ऐसे लोगों को खोजता है कि “जिनके हृदय शुद्ध हैं।” एक शुद्ध हृदय होने का तात्पर्य क्या है? इसका तात्पर्य है, सही करने और परमेश्वर को प्रसन्न करने की हार्दिक अभिलाषा। एक व्यक्ति जिसका सिद्ध हृदय है सच में परमेश्वर से प्रेम करता है यद्यपि वह स्वयं सिद्ध नहीं है। उसके जीवन में अब भी ऐसी बातें होंगी जो देह से संबंधित है, उसका मुँह अब भी उसे शायद परेशानी में डालता है, संभव है वह गलतियाँ करता है और क्रोधित होता है, परन्तु जब वह ऐसा करता है वह पश्चताप करने में जल्दि करता है और परमेश्वर के साथ पुनः सही संबंध बना लेता है। यदि उसने किसी ओर को दुःख पहुँचाया है वह अपने आपको दीन करेगा और माफ़ी माँगेगा।
जब परमेश्वर किसी को इस्तेमाल करने के लिए खोजता है तब वह ऐसे व्यक्ति को नहीं खोजता है जो सिद्ध रीति से कार्य करते हों परन्तु एक भयावह हार्दिक स्वभाव के साथ। वह किसी ऐसे व्यक्ति को खोजता है जिसका कार्य भले ही सिद्ध न हो परन्तु जिसका हृदय उसके प्रति सही है। परमेश्वर के राज्य में परमेश्वर सभी प्रकार के पदों को खुला रखता है। उन पदों को भरने के लिए वह हमेशा एक व्यक्ति को नीचे लाता है और दूसरे को ऊपर उठाता है। यदि हम अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं और अच्छा स्वभाव नहीं रखते हैं तब हम ऐसे स्थान पर नहीं होंगे कि परमेश्वर हमें उस रीति से इस्तेमाल कर सके जैसा वह हमें इस्तेमाल करना चाहता है। वह हमें पदोन्नति दे सकता है परन्तु वह हमें पद से भी निकाल सकता है।
हमारी संस्था में जब हम लोगों को पदोन्नति देने की तैयारी करते हैं तो हम उन्हें नहीं देखते हैं जो सबसे योग्य हैं। हम उन्हें देखते हैं जिनका हृदय का स्वभाव सही है, जो बुलाए जाने पर कुछ अतिरिक्त करने के इच्छुक होते है। परमेश्वर इसी प्रकार है और मुख्य बातों में से एक है कि वह जब वह पदोन्नति देने के लिए तैयार होता है तो एक ऐसे व्यक्ति को ढूँढ़ता है जिसका हृदय सिद्ध हो।