क्रोध तो करो, पर पाप मत करो; सूर्य अस्त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे। -इफिसियों 4:26
अभी, मैं आपके विषय में नहीं जानती परन्तु मैं खुश हूँ कि यह पद बाइबल में है। क्योंकि यह अपने क्रोध के साथ व्यवहार करने के विषय में हमें एक दिशा निर्देश देने के द्वारा चरित्र का निर्माण करने में हमारी सहायता करती है। बिस्तर पर जाने से पहले अपने क्रोध को जाने दो। यहाँ पर केवल एक समस्या है। क्या होता है जब हम बिस्तर से ठीक पहले अच्छे और पागल बन जाते हैं? यदि हम सुबह पागल बन जाते हैं कम से कम उस पर विजय पाने के लिए हमारे पास पूरा दिन होता है। परन्तु सोने से ठीक पहले यदि हम क्रोधित होते हैं, तब हमें एक त्वरित निर्णय लेना है।
हमारे लिए बिस्तर पर क्रोधित होकर जाना इतना बुरा क्यों है? मैं सोचती हूँ कि यह इसलिए है क्योंकि जब हम सोते हैं तब जिस बात के विषय में हम क्रोधित होते हैं वह हमारे ऊपर एक पकड़ बना लेता है और हममें जड़ पकड़ लेता है। परन्तु वचन कहता है, ‘‘और न शैतान को अवसर दो (इफिसियों 4:27)।’’ यह वचन हम से कहता है कि सोने से पहले यदि हम अपने क्रोध को इंकार कर देते हैं तो क्या होता हैः यह शैतान के लिए एक द्वार खोलता है और शैतान को मज़बूती से पैर रखने देता है। एक बार यदि शैतान मज़बूती से हमारे जीवन में पैर रख ले तो वह उसे दृढ़ गढ़ में बदल सकता है। आप चकित होंगे, हाँ यदि मैं पागल हूँ तो इसके विषय में क्या करना चाहिए? उससे बाहर निकलिए! आप सोचते होंगे, यह कहना आपके लिए आसान है, परन्तु आप मेरी परिस्थिती में नहीं हैं। मैं आपकी परिस्थिती में शायद नहीं होऊँगी परन्तु आप मेरी परिस्थिती में भी नहीं हैं। हम सब की भिन्न परिस्थितियाँ हैं। यदि आप एक आनन्दित विजयी जीवन जीने जा रहे हैं, तो ऐसा आपको चुनाव के द्वारा करना है भावनाओं के द्वारा नहीं।
व्यवस्थाविवरण 30:19 में प्रभु हम से कहता है, ‘‘मैं आज आकाश और पृथ्वी दोनों तुम्हारे सामने इस बात की साक्षी बनाता हूँ, कि मैंने जीवन और मरण, आशीष और शाप को तुम्हारे आगे रखा है; इसलिए तू जीवन ही को अपना ले, कि तू और तेरा वंश दोनों जीवित रहें।’’ क्रोध में पड़ने से इंकार करने के द्वारा जीवन का चुनाव करें। अपने क्रोध के लिए ज़िम्मेदारी लें और उस के साथ व्यवहार करना सीखें। उसकी प्रक्रिया बनाए और उसके नज़दीक आए और यह दबाव को कम करेगा।