कुछ भी और संतुष्ट नहीं करता

रात के समय मैं जी से तेरी लालसा करता हूं, [हे प्रभु] मेरा सम्पूर्ण मन से यत्न के साथ तुझे ढूंढ़ता है। (यशायाह 26:9)

संसार उन सभी बातों के साथ हमारे कानों को भरना हमारे लिए आसान बना देता है जो परमेश्वर की आवाज को दबा देती और उसे हमारे जीवनों की पृष्ठभूमि में दूर, बहुत दूर तक धकेल देती है। फिर भी, हरेक के लिए एक दिन आता जब केवल परमेश्वर ही बाकी रहता है। जीवन में बाकी सबकुछ चला जाता है; जब ऐसा होता है, परमेश्वर तब भी वहां पर होगा।

बाइबल हमें सिखाती है कि जो परमेश्वर के बारे में ज्ञात है वह सबके लिए प्रत्यक्ष है क्योंकि उसने मानवजाति के अंदरूनी विवेक में स्वयं को ज्ञात कराया है (देखें रोमियों 1:19-21)। हर व्यक्ति एक दिन उसके सामने खड़ा होगा और अपने जीवन का एक हिसाब उसे देगा (देखें रोमियों 14:12)। जब लोग अपने जीवनों के साथ परमेश्वर की सेवा नहीं करना चाहते, जब वह उनके अपने मार्ग पर जाना चाहते है, तब वे अपने निर्माणकर्ता के इस सहज ज्ञान को छिपाने और अनदेखा करने के तरीके खोजते हैं, जब कि वह उनसे बात करना चाहता और उस मार्ग में उनका मार्गदर्शन करना चाहता जिसमें उन्हें जाना चाहिए।

सच्चाई यह है, चाहे कि लोग परमेश्वर से इसे छिपाने का प्रयास करे या नहीं, कुछ भी उसके साथ संगति और सहभागिता के लिए हमारी लालसा को संतुष्ट नहीं कर सकता है। यहां तक कि जब लोग उसे नजरअंदाज करने की कोशिश करते है, अन्दर गहराई में वह उसकी आवाज को सुनना पसंद करेंगे।

मैं आपको परमेश्वर के साथ समय खर्च करने, उसकी उपस्थिति में बैठने, और उसकी आवाज को सुनने के द्वारा उसके लिए आपकी लालसा को संतुष्ट करने को उत्साहित करती हूँ।


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः अपने जीवन को एक ऐसे ढंग में व्यतीत करें कि जब पृथ्वी पर आपका जीवन समाप्त हो गया तो परमेश्वर के सामने आपको भय या डरने की आवश्यकता ना हो।

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