मसीह सब कुछ और सब में है [सभी मनुष्यों के लिए बिना किसी भेदभाव के, सबकुछ और सब जगह]। (कुलुस्सियों 3:11)
मसीह में, परमेश्वर ने एक नई सृष्टि की रचना की जहां पर सब फर्क मिट गया और हम सब उसमें एक हो गए। व्यवहारिक शब्दों में, इसका अर्थ है कि कुछ भी जो हम नहीं कर सकते उसको परमेश्वर पर छोड़ देना चाहिए और जो कुछ भी अच्छा हमारे अन्दर है या जो कुछ भी अच्छा हम कर सकते है उसको एक उपहार के रूप में उससे प्राप्त करना चाहिए। सबकुछ उस में है। हम उसमें परमेश्वर के साथ सही बनाए गए है, हमारा जीवन उस में है; हमारा आनन्द और शांति उस में है। सभी बातें उसी की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिए है (देखें रोमियों 11:36)।
हमें किसी अन्य के साथ स्वयं की बिल्कुल भी तुलना करने की आवश्यकता नहीं है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या वो कर सकते जो हम नहीं कर सकते क्योंकि हमारा मूल्य और कीमत केवल उस में पाया जाता है। हम तुलनाओं और मुकाबले से आजाद है, और वह हमें पूरी तरह से स्वयं होने के योग्य बनाता है। केवल जितना उत्तम आप हो सकते वो बनें। जब आप कुछ अच्छा करने के योग्य होते है, तब उसका धन्यवाद करें कि वह आपको फिर भी प्रेम करता और जो भी किया जाना वह उसे जरूर करेगा।
यह सच्चाई आपको परमेश्वर के आराम में प्रवेश करने और आत्म तिरस्कार या आपके जीवन को कुछ वो जो आप कभी नहीं होंगे वो बनने का प्रयास करते हुए जीवन को खर्च करने के कष्ट से बचने की अनुमति देती है। अगर आप परमेश्वर की आवाज को सुन रहे है, तब अभी इसी समय उससे आपको यह कहते सुनें कि आप विशेष है; आपको किसी भी अन्य के साथ स्वयं की तुलना करने की आवश्यकता नहीं है। सभी बाँटने वाली दीवारें मसीह में टूट गई है और हम सब उसमें एक है।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः परमेश्वर कभी भी आपको किसी अन्य जैसा बनने में सहायता नहीं करेगा, पर सब जो आप हो सकते वह वो आपकी होने में सहायता करेगा।