क्या आप सुन रहे है?

तब यहोवा आ खड़ा हुआ, और पहिले की नाईं पुकारा, शमूएल! शमूएल! शमूएल ने कहा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है। (1 शमूएल 3:10)।

आज के लिए आयत एक कहानी से आती है जिस में परमेश्वर शमूएल को बताता है कि क्या उसने एक निश्चित स्थिति में करने की योजना बनाई है। उसे इससे पहले कि शमूएल जानें कि जो उसने सुना वह परमेश्वर से है कई बार सुनना पड़ा था। एक बार जब शमूएल ने पहचान लिया कि परमेश्वर उससे बात कर रहा था, उसने यह कहने के द्वारा जवाब दिया, “मैं सुन रहा हूँ।”

आपके जीवन के लिए परमेश्वर की योजनाओं को आनन्द लेने के लिए उससे सुनना महत्वपूर्ण है, पर आप उससे सुनेंगे या नहीं यह एक व्यक्तिगत निर्णय है। परमेश्वर चाहता है कि आप उसकी सुनें। वह उसकी इच्छा चुनने के लिए आपको मजबूर नहीं करेगा, पर वह आपको उसके लिए हां कहने को उत्साहित करने के लिए सबकुछ करेगा।

परमेश्वर चाहता है कि आप जानें कि वह क्या चाहता है कि आप करें, कैसे वह आपके बारे में महसूस करता, और क्या आपके जीवन के लिए उसकी योजनाएं है। नीतिवचन 3:7 कहती है, “अपनी नजर में बुद्धिमान मत हो।” दूसरे शब्दों में, कभी भी यह मत सोचें कि आप परमेश्वर की सहायता और मार्गदर्शन के बिना आपके जीवन को चला सकते और एक अच्छा कार्य कर सकते है। जितना ज्यादा आत्मविश्वास आपके पास होता कि आप उसकी आवाज को सुन सकते, उतना उत्तम आप उसके मार्गदर्शन और निर्देश को प्राप्त कर सकते है।

निर्णय करें कि परमेश्वर आपसे बात करना चाहता है, कि जब वह बात करेगा तो आप सुनेंगे और यह कि आप उसकी आवाज पर पूर्ण ध्यान लगाएंगे।


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः परमेश्वर के पास आपके जीवन के लिए अच्छी योजनाएं है और सब जो आपको जानने की आवश्यकता वह आपको बताएगा। सुनना याद रखें!

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