जो आंसू बहाते हुए बोते हैं, वे जयजयकार करते हुए लवने पाएंगे। —भजन संहिता 126:5
हम में से कई लोगों के लिए, किसी ऐसे व्यक्ति को क्षमा करना जिसने हमें दुःख दिया है, भावनात्मक चंगाई का सबसे कठिन हिस्सा होता है। यह ठोकर भी बन सकता है जो इसे रोकता है। जो लोग दूसरों के द्वारा बुरी तरह घायल हुए हैं, वे जानते हैं कि “क्षमा करो” कहना ऐसा करने से कहीं अधिक आसान होता है।
सबसे पहले, मैं यह बता दूं कि किसी के प्रति कटुता, नाराज़गी, और क्षमा न करने की भावना रखते हुए अच्छा भावनात्मक स्वास्थ्य पाना संभव नहीं है। यह आपकी प्रणाली के लिए जहर है। और अगर यह वहां है तो चंगा होना असंभव है।
जब मैंने आखिरकार प्रभु को मेरे जीवन में कार्य करने के लिए अनुमति दी, तब उसने मुझे प्रकट किया कि मैं “दर्द के द्वार” के पीछे छिप रही थी – मेरे अतीत की दर्दनाक घटनाएं और स्थितियां। उसी, या उसी के समान, द्वार से वापस जाने के लिए और छुटकारा पाने तथा चंगा होने का मतलब उन मुद्दों, लोगों और सच्चाई का सामना करना था, जिन्हें मैंने अपने दम पर सामना करना असंभव नहीं पर बहुत मुश्किल पाया था।
चंगाई के दर्द से न डरें। परीक्षा तो निकल जाएगी, परन्तु प्रभु तुम्हारे निकट है, और वह आपको आपकी समस्याओं में से बाहर लाना चाहता है। किसी चीज से गुजर कर उभारना उस चीज से दूर भागने से हमेशा बेहतर होता है। आवश्यक हर चीजों के लिए सहन करें, यह जानते हुए कि दूसरी तरफ आनंद है।
परमेश्वर हमें चोट और घाव नहीं देता है। लेकिन अगर वे हम पर थोपे जाते हैं, तो परमेश्वर गलतियों से चमत्कार निर्माण करने में सक्षम है।