जब यह देखा गया कि दानिय्येल में उत्तम आत्मा रहती है, तब उसको उन अध्यक्षों और अधिपतियों से अधिक प्रतिष्ठा मिली; वरन राजा यह भी सोचता था कि उसको सारे राज्य के ऊपर ठहराए। – दानिय्येल 6:3
बाइबल में दानिय्येल एक वो व्यक्ति था जिसके पास “उत्तम आत्मा” होने का वर्णन किया गया है। उसने उसके जीवन द्वारा परमेश्वर की महिमा होने के लिए जीवन व्यतीत किया, चाहे इसके लिए उसे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।
दानिय्येल ने परमेश्वर से प्रेम किया था और उसकी सेवा करने के लिए अपने समर्पण में अडिग था। परिणामस्वरूप, परमेश्वर ने उसे राजा से अनुग्रह दिलाया, जिसने देश में अन्य अगुवों पर उसकी उन्नति में अगुवाई की थी। पर परमेश्वर के लिए उसका समर्पण परखा गया था।
अगुवों को पसंद नहीं आया कि राजा दानिय्येल पर कृपा करता था। इसलिए उन्होंने राजा को घोषणा पर हस्ताक्षर कराने के लिए चलाकी से मनाया जो कि तीस दिनों तक किसी भी व्यक्ति को राजा के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के आगे प्रार्थना करने से मना करती थी। इस घोषणा का खण्डन करने का परिणाम शेरों की माँद में डाला जाना था।
दानिय्येल ने इस घोषणा की परवाह नहीं की – वह परमेश्वर के लिए उसके समर्पण के बारे में ज्यादा चिंतित था। अगर आप कहानी को जानते है, आप जानते होंगे कि परमेश्वर ने उसकी रक्षा की और वह हुआ अंत में गौरवान्वित हुआ।
मैं आपको वही उत्तम आत्मा के साथ जीवन व्यतीत करने के लिए उत्साहित करती हूँ। आपके जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में परमेश्वर के लिए जीवन व्यतीत करने का दृढ़ निश्चय करें। जब आप ऐसा करते है आप आपके सच्चे उद्देश्य को पूरा करेंगे, और दानिय्येल के समान ही सब जो आप करते उसमें परमेश्वर की महिमा करेंगे।
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, मैं दानिय्येल के समान ही जीवन की उत्तमता के लिए स्वयं को समर्पित करती हूँ। मुझ में एक “उत्तम आत्मा” डालें, ताकि सब जो मैं करती उसमें आपकी सेवा कर सकूँ।