दिन को आरम्भ करने का उत्तम ढंग

दिन को आरम्भ करने का उत्तम ढंग

मैं ने पौ फटने से पहिले दोहाई दी; मेरी आशा तेरे वचनों पर थी। – भजन संहिता 119:147

आप कैसे दिन का आरम्भ करते है? क्या आप जल्दी से बिस्तर से उठते और मुश्किल से समय पर बाहर द्वार पर पहुँचते है? क्या आप टी.वी. चलाते है? क्या आप कसरत करते है? चाहे आपकी सुबह की दिनचर्या कैसी भी हो, सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न जो आपको स्वयं को पूछने की आवश्यकता वो यह है, जब मैं दिन का आरम्भ करती हूँ तो परमेश्वर क्या भूमिका रखता है?

मुझे यह पता लगाने के लिए काफी साल लग गए थे, पर अब मैं जानती हूँ कि मेरे दिन को आरम्भ करने के सबसे उत्तम ढंग जो परमेश्वर ने मेरे लिए किया है उसके लिए धन्यवाद देते और अन्य लोगों के लिए कैसे मैं आशीष हो सकती हूँ इसे पूछने के द्वारा है।

मैं आपको जो अच्छी बातें परमेश्वर ने आपके जीवन के लिए की है उसपर प्रत्येक सुबह ध्यान केन्द्रित करने के द्वारा समय खर्च करने के लिए आपको उत्साहित करती हूँ। उन खतरों और मुश्किल के समयों के बारे में सोचें जिन में से परमेश्वर ने आपको बाहर निकाला है, वह ढंग जिन के द्वारा उसने आपको चंगा किया और आपको बदला है, और वह आपकी देखभाल करने और आपकी प्रार्थनाएं सुनने के लिए कितना अच्छा है।

जब आप हर सुबह परमेश्वर पर अपना मन केन्द्रित करना सीखते है, वह आपको जब आप अपने बाकी के दिन के लिए जाते तो उसके लिए जो जीवन आपको चाहिए वो देगा।


आरंभक प्रार्थना

प्रभु, प्रत्येक सुबह जब मैं उठती तो सबसे पहले आपको खोजने का मैं निर्णय करती हूँ। आपको खोजने और आपकी शांति और आनन्द को प्राप्त करने से ज्यादा महत्वपूर्ण और कुछ नहीं है।

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