क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो, परन्तु अनंत जीवन पाएँ। -यूहन्ना3:16
परमेश्वर हमारे लिए अद्भुत आर्थिक चमत्कार कर रहा है ताकि हम अपनी विश्व सेवकाई कर सकें जो हमारे पास है। परन्तु हमारे जीवन के प्रथम वर्षों में भी जब हम आर्थिक रूप से कठिनाइयों में से होकर गुज़र रहे थे फिर भी हमने दशवांश बोया। हमारे पास अपने बिलों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन था परन्तु तब हमें शेष प्रत्येक बातों के लिए परमेश्वर पर विश्वास करना था।
जब मैं पीछे मुड़ कर, उन कुछ अपर्याप्तता के समयों को देखती हूँ वे जो मेरी सबसे अच्छी यादगारों में से हैं और वे हमारे लिए सबसे अधिक आनन्ददायी समय भी थे। मेरे पास एक छोटी सी प्रार्थना पुस्तक थी जिसे मैं अपने पास रखती थी। एक बार मैंने उसमें लिखा, ‘‘प्रिय पिता, मुझे बारह नए बर्तन पोछने के छोटे तौलिए चाहिए और उन्हें खरीदने के लिए मेरे पास धन नहीं है, कृपया उन तैलियों का प्रबंघ कीजिए।”एक दिन मेरे एक मित्र ने द्वार की घण्टी बजाई और कहा, ‘‘मैं उम्मीद करती हूँ कि तुम नहीं सोचती हो कि मैं पूर्ण रूप से कि मैं पागल हो गई हूँ, परन्तु परमेश्वर ने मुझ से कहा कि मैं तुमको एक दर्जन तैलिया दूँ।”
परमेश्वर की उत्तेजना ने मुझे भर दिया और मैं लगभग उस पर गिर पड़ी जब मैं जोर से खुशी के मारे चिल्ला उठी और रो पड़ी, ‘‘यह परमेश्वर है!”इन दिनों में तैलिया पाने पर कौन उत्तेजित होता है? परन्तु जब आप परमेश्वर की रीति से जीना प्रारंभ करते हैं तो आपके जीवन में उत्तेजना आती है।
यदि आप को आर्थिक चमत्कारों की ज़रूरत है तो अपने धन के विषय में परमेश्वर की आज्ञा पालन करने से मत डरिए। दशमांस देने के द्वारा परमेश्वर के सामर्थ्य को आपको आशीष देना प्रारंभ करने दें और तब उसके आगे दें। एक दम्पत्ति के रूप में डेव और मैं हम दोनों देने की एक जीवनशैली जीने का प्रयास कर रहे हैं और हम प्रति वर्ष अधिक देने में आनंद कर रहे हैं। जब हम परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते हैं और देते हैं और जब वह हमें ऐस करने की अगुवाई देता है कोई हमें हमेशा वापस देता है और हमें उस उत्तेजक चमत्कार के क्षेत्र में बनाए रखता हे। हम वास्तव में देने के रास्ते ढूँढ़ते हें। हम इंतज़ार नहीं करते हैं कि कोई गहरी भावना हमारे उपर आए। हम लक्ष्यपूर्वक और लक्ष्य के साथ देते हैं। परिणाम के रूप में हमारा आनंद और हमारा समृद्धि बढ़ रहा है।