यहोवा दुष्टों से दूर रहता है, परन्तु धर्मियों की [धर्मी, जो परमेश्वर के साथ सही खड़ा है] प्रार्थना सुनता है। (नीतिवचन 15:29)
परमेश्वर आज की आयत में वायदा करता है कि अगर हम उसके साथ हमारी यात्रा में वफादार होने को खोजते है तो वह हमारी प्रार्थनाओं को सुनेगा। “अडिग धर्मी” का क्या अर्थ होता है? साधारण तौर पर बोलते हुए मैं सोचती हूं कि अडिग धर्मी होने का उत्तम ढंग समझौता नहीं करना है।
एक व्यक्ति जो समझौता करता है वो वह है जो बाकी सब करते उनके साथ जाने का रूझान रखता है चाहे कि यह पूरी तरह सही ना भी हो। एक समझौता करने वाला जानता है कि कुछ सही नही है, पर फिर भी इसको करता और इसी के साथ आगे बढ़ने की आशा करता है। हम तब समझौता करते जब हम हमारे हृदयों में जानते है – और पवित्र आत्मा हमें कायल भी करता है – कि हमें यह नहीं कहना या एक निश्चित बात नहीं करनी चाहिए और फिर भी हम इसे करते है। हम कह रहे है, “परमेश्वर मुझे दिखा रहा है कि क्या करना है, पर मैं वो करूँगा जो मैं चाहता हूं।” उस स्थिति में, अगर हमें वो परिणाम नहीं मिलते जो हमने चाहे थे तो हम साधारणता स्वयं को दोष देते है। जब हम समझौता करने से इन्कार करते और हमारी उत्तम योग्यता से अडिग धर्मी होने के लिए समर्पित रहते है, तब परमेश्वर हमारे हृदयों को देखता हमारी प्रार्थनाओं को सुनता और हमें उत्तर देता है।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः अगर हम समझौता करने से इन्कार करते है, तो आप परमेश्वर के चेहरे पर एक मुस्कराहट लाएंगे।