पुत्र होने पर भी उसने दुःख उठा-उठाकर आज्ञा माननी सीखी, और सिद्ध बनकर, अपने सब आज्ञा माननेवालों के लिए सदा काल के उद्धार का कारण हो गया। -इब्रानियों 5:8-9
क्या कभी आपको एक नौकरी की ज़रूरत पड़ी है, परन्तु प्रत्येक नौकरी का विज्ञापन जिसे आपने पढ़ा उसमें किसी ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत थी जो अनुभवी हो और आपके पास वह नहीं था? आप एक नौकरी चाहते थे परन्तु आपके पास अनुभव नहीं था और इस बात ने आपको कुण्ठित किया। मैं उस परिस्थिती में रही हूँ और मैं यह सोचना याद करती हूँ कि जब कोई मुझे नौकरी नहीं देगा तो मैं अनुभव कैसे पाऊँगी? परमेश्वर भी अनुभवी सहायता चाहता है। जब आप परमेश्वर के राज्य में उसके कार्य के लिए जाते हैं वह हमारे पुराने समय को इस्तेमाल करेगा चाहे वह कितना भी दुःखदायी रहा हो। वह उसे अनुभव गिनता है। हम कुछ कठिन परिस्थिती से होकर गुज़रे हैं, और वे बातें हमें इस बात के लिए योग्य करती है कि हम ऐसी परिस्थिती से गुज़रनेवाले किसी और की सहायता कर सकें। यहाँ तक कि जिन दुःखों को यीशु ने उठाया उसने उससे अनुभव पाया।
मैं आपको उत्साहित करूँगी कि आप अपनी तकलीफ़ों को भिन्न दृष्टि से देखें। एक सही दृष्टिकोण संसार में सभी प्रकार का अंतर ला सकता है। एक दृष्टि डालिए कि आप किस प्रकार से अपनी तकलीफ़ों को किसी और के लाभ के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। क्या आप की झंझटें आपकी सेवा बन सकती है? हो सकता है आप ऐसी परिस्थिती से बहुत अधिक गुज़रे हों कि आप महसूस करें कि इस क्षेत्र में आप के पास विशेषज्ञ बनने लायक अनुभव हैं।
शर्म, अपराधबोध, स्वयं के प्रति निम्न इज्ज़त, आत्मविश्वास की कमी, भय, कड़वाहट, स्वयं पर तरस खाना इत्यादि पर विजय पाने के विषय में मैं एक “विशेषज्ञ हूँ।” अपने पुराने अनुभवों के लिए अपने स्नातको पर की डिग्री प्राप्त करो और उसके राज्य के लिए कार्य करो जो पीड़ित लोगों के पुनःस्थापन में विशेषज्ञता रखता है।