जैसे हरिणी नदी के जल के लिये हांफती है, वैसे ही, हे परमेश्वर, मैं तेरे लिये हांफता हूं। जीवते ईश्वर परमेश्वर का मैं प्यासा हूं, मैं कब जाकर परमेश्वर को अपना मुंह दिखाऊंगा? (भजन संहिता 42:1-2)
मैं कई सालों तक यह जाने बिना चर्च गई थी कि परमेश्वर मुझ से बात करना चाहता है, यद्यपि कि मैं गंभीरता से उससे प्रेम करती थी। मैंने सभी धार्मिक नियमों और छुट्टियों का पालन किया और प्रत्येक रविवार को लगातार चर्च गई थी। उस समय जो मैं जानती थी वह सब मैंने किया था, पर यह परमेश्वर के लिए मेरी लालसा को संतुष्ट करने के लिए काफी नहीं था।
मैंने प्रत्येक पल कलीसिया में या बाइबल अध्ययन में खर्च किया हो सकता था, पर उसने प्रभु के साथ एक गहरे संबंध के लिए मेरी प्यास को नहीं बुझाया होना था। मुझे मेरे अतीत के बारे में उसके साथ बात करने और मेरे भविष्य के बारे में उसे मुझसे बात करते हुए सुनने की आवश्यकता थी। पर किसी ने भी मुझे नहीं बताया कि परमेश्वर सीधा मुझसे बात करना चाहता है। किसी ने भी मेरी आत्मिक लालसा के लिए हल की पेशकश नहीं की थी।
बाइबल को पढ़ने के द्वारा, मैंने सीखा है कि परमेश्वर हम से बात करना चाहता और हमारे जीवनों में उसकी उपस्थिति और बातचीत के लिए हमारी लालसाओं को संतुष्ट करना चाहता है। उसके पास हमारे जीवनों के लिए योजनाएं है – ऐसी योजनाएं जो शांति और संतुष्टि में हमारी अगुवाई करेगी, और वह चाहता है कि हम उसके मार्गदर्शन के द्वारा उसके ज्ञान और समझ और उसकी इच्छा को प्राप्त करें।
सब जो आपको चितिंत करता परमेश्वर उसकी चिंता करता है और उसकी योजना आपके जीवन के हर पहलू में निकटता से आपको शामिल करना है। इस सच्चाई को जानने और इस पर विश्वास करने से मेरी यात्रा एक धार्मिक फर्ज की बजाय साहसिक कार्य बन गई है।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः आपके प्रार्थना समय में कुछ भाग शांत रहने में खर्च करें! शांत हो और सुनें कि परमेश्वर आपको क्या देना चाहता है।