
तब उसने मुझे उत्तर देकर कहा, “जरूब्बाबेल के लिए यहोवा का यह वचन हैः न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरी आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।” -जकर्याह 4:6
कुछ समय पूर्व और इसके ठीक पहले जिसमें मैं अनुग्रह विषय पर शिक्षा दे रही थी। किसी ने मेरे पति को प्रभु से एक लिखा हुआ शब्द दिया और उनसे कहा कि मुझे नहीं। मुझे निश्चय है कि उस व्यक्ति को वह व्यक्ति नहीं जानता था कि मैं उस सभा में किस प्रकार का निर्णय लूँगी। परन्तु संदेश निश्चित ही उसमें उपयुक्त था।
मैं विश्वास करती हूँ कि निम्नलिखित संदेश ईश्वरीय रूप से अभिषिक्त है। मैं आपको उत्साहित करती हूँ कि आप इसे सावधानीपूर्वक पढ़ें और उस बात को प्राप्त करें जो आज परमेश्वर आप से बात करना चाहता है।
मैं चाहती हूँ कि तुम पर्वतों का सामना करो ताकि तुम देखो जब पहाड़ रास्ते से हट जाए, वहाँ पर केवल मैं ही शेष हूँ।
केवल मैं ही पहाड़ों को हटा सकता हूँ, केवल मैं ही उसे ढ़केल सकता हूँ, केवल मैं ही समस्याओं पर विजय पा सकता हूँ, जिसका आज तुम सामना करते हो।
तुम्हारा काम केवल विश्वास करना और मेरी आवाज़ पर ध्यान देना है। और जो मैं आज्ञा देता, उसे जब तुम सुनते हो तो मानना तुम्हारा चुनाव है।
परन्तु मैं इसे बहुत अधिक कठिन नहीं बनाऊँगा क्योंकि विजय पहले से मेरी है। और मैं तुम्हें अपनी आत्मा से भर दूँगा, और तेरे द्वारा मेरा अनुग्रह चमकेगा।
केवल तब नहीं जब तुम सिद्ध हो जैसा तुम सोचते हो कि तुम्हें होना है परन्तु तब जब तुम्हारा हृदय अधिकाधिक मेरे समान होने की इच्छा रखेगा।