परमेश्वर का मार्ग हमारे मार्ग जैसा नहीं है

परमेश्वर का मार्ग हमारे मार्ग जैसा नहीं है

क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। -यशायाह 55:8

मैंने पाया है कि परमेश्वर अक्सर अनुचित दिखता है। वह जो करने का चुनाव करता है हमारे लिए हमेशा उसका कोई अर्थ नहीं होता है। वह हमेशा हमारे तर्क संतुलन में उपयुक्त नहीं बैठता है। हमारा स्वभाव है कि हम हर बात का अर्थ ढूँढ़ते हैं परन्तु परमेश्वर चाहता है कि हम अपने भरोसे के द्वारा चलाए जाना सीखें न कि अपनी समझ के द्वारा। हमें परमेश्वर को धन्यवाद देना चाहिए कि उसके मार्ग हमारे मार्ग जैसे नहीं है। मेरा जीवन बुरा बन जाता यदि बहुत सी स्थितियों में परमेश्वर अपने मार्ग में चलने देता। यह प्रार्थना करना हमारे लिए बुद्धिमानी है, ‘‘तेरी इच्छा पूरी हो प्रभु, मेरी नहीं।’’

मैं अक्सर प्रभु से कहती हूँ कि मुझे क्या पाना पसंद है। परन्तु उसके बाद कहती हूँ, ‘‘फिर भी यदि तू जानता है कि ये मेरे लिए सही नहीं है तो कृपया यह मुझे मत दो।’’ उसके विचार हमारे विचारों से ऊपर है। स्वभाविक रूप से हम कुछ ऐसा सोच सकते हैं जिसका कुछ अर्थ है, परन्तु संभव है यह वह न हो जो परमेश्वर चाहता है।

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