परमेश्वर के वचन में शक्ति है

परमेश्वर के वचन में शक्ति है

इनको अपनी आंखों की ओट न होने दे; वरन अपने मन में धारण कर। क्योंकि जिनको वे प्राप्त होती हैं, वे उनके जीवित रहने का, और उनके सारे शरीर के चंगे रहने का कारण होती हैं। – नीतिवचन 4:21-22

बाइबल कोई साधारण पुस्तक नहीं है। इसके पृष्ठों पर के शब्द आपके प्राण के लिए दवाई के समान है। इसमें आपके जीवन को बदलने के शक्ति है क्योंकि इस वचन में जीवन है।
जब आप परमेश्वर के वचन की शक्ति और सच्चाई को खोजते हो, तो आप आपके जीवन में उन बदलावों को देखना आरम्भ करेंगे जो केवल यह सच्चाई ही ला सकती है। आप यह भी सीखेंगे कि कैसे उन झूठों को पहचानना है जो दुश्मन आपके विरूद्ध लाने का प्रयास करता है।
अगर आप बाइबल का अभ्यास करना आरम्भ कर रहे या इसके द्वारा डरे हुए महसूस करते है, तो यह मत सोचें कि आपको इसे सारा एक बार में ही पढ़ना है या सब कुछ एकदम से ही समझना है। स्वयं के साथ धैर्य रखें। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप कहीं से शुरू भी करें और इसमें नियमित बने रहे। क्योंकि हर बार जब आप बाइबल का अध्ययन करते है और जो आप पढ़ रहे उस पर ध्यान देते है, तो आप कुछ सीख रहे है।

नीतिवचन 4:20 कहती है, मेरे पुत्र मेरे शब्दों पर ध्यान लगा…यह समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि ध्यान लगाना पढ़ने से ज्यादा है – इसका अर्थ है कि वचन पर मनन करना या अपने मन में इसके बारे में विचार करना।

जब हम परमेश्वर के वचन को पढ़ते और सबसे ऊपर इससे सहमत होना सीखते है, हम परमेश्वर के जीवन और चंगा करने वाली शक्ति के साथ भरे होंगे।


आरंभक प्रार्थना

परमेश्वर, आपके वचन की जीवन देने वाली शक्ति के लिए आपका बहुत धन्यवाद! जब हम इसे पढ़ते और अध्ययन करते, मुझे सीखाएं कि आप क्या चाहते कि मैं जानूँ और आपकी चंगा करने वाली शक्ति को मेरे जीवन में लाएं।

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