परमेश्वर के सामने चुप होना

परमेश्वर के सामने चुप होना

चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं। – भजन संहिता 46:10

सबसे महत्वपूर्ण बातें जो हम हमारे संसार में आज सीख सकते उनमें से एक यह कि कैसे चुप होना है।

मैं विश्वास करती हूँ कि सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक कि क्यों हम में से बहुते थक जाते और निराशा से भर जाते है क्योंकि हम नहीं जानते कि कैसे चुप होना है। उसको जानने के लिए समय खर्च करने के द्वारा हम उसकी शांत, धीमी आवाज को सुनते है ताकि वह हमारे मार्गो में अगुवाई कर सके।

हमें अन्दर से चुप होना और उस शांतमय स्थिति में रहना सीखने की आवश्यक्ता है ताकि हम सदैव प्रभु की आवाज सुनने के लिए तैयार रहें। बहुत से लोग आप एक बात से दूसरी बात की तरफ भागते है। क्योंकि उनके मन नहीं जानते कि कैसे शांत रहना है, इसलिए वह नहीं जानते कि कैसे उनके दिलों में शांत रहना है।

अगर हम केवल धीमा हो जाएं, और पवित्र आत्मा की प्रेरणा को सुनने के लिए हमारे मनों को चुप कराएं, हम आज्ञाकारी से जवाब देने के लिए, शांति के एक स्थान में रह सकते है। वह देखना आसान है कि एक शांतिमय प्रस्न्न जीवन, थकान और बेचैनी से आजाद जीवन व्यतीत करना, बिल्कुल भी जटिल नहीं है, अगर हम परमेश्वर के सामने शांत बने रहते है।


आरंभक प्रार्थना

प्रभु, मैं यह पहचानती हूँ कि केवल आप ही अकेले परमेश्वर है। मैं जानती हूँ कि आपके सामने चुप होना महत्वपूर्ण है, इस लिए कैसे अन्दर से शांत रहना, हमेशा आपकी आवाज को सुनने के लिए तैयार रहना मुझे सिखाएं।

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