परमेश्वर को अपना श्रेष्ठत्तम दीजिए, भाग 1

परमेश्वर को अपना श्रेष्ठत्तम दीजिए, भाग 1

हे यहोवा मैंने तो तुझी पर भरोसा रखा है, मैंने कहा, तू मेरा परमेश्वर है। मेरे दिन तेरे हाथ में है; तू मुझे मेरे शत्रुओं और मेरे सतानेवालों के हाथ से छुड़ा। -भजन संहिता 31:14-15

अब मैंने स्वयं को प्रशिक्षित किया है कि दिन व दिन परमेश्वर को अपने समय का पहला फ़ल देना आरंभ करूँ। मैंने जाना है कि मैं पूरा दिन शांतिपूर्वक व्यतीत नहीं कर सकती हूँ यदि मैं परमेश्वर के साथ समय व्यतीत नहीं करती। इसीलिए प्रति सुबह मैं कॉफी पीती हूँ और अपने रात्रीकालीन वस्त्रों में ही मैं परमेश्वर के साथ अधिक समय व्यतीत करती हूँ, जितना मुझे ज़रूरत है कि मैं महसूस करूँ कि मैं दिनभर उचित रीति से व्यवहार कर सकती और आत्मा के फल में चल सकती हूँ।

मैंने सीखा है कि अपने दिन भर के श्रेष्ठ भाग को पूरे हृदय से परमेश्वर के सामने रखना। परमेश्वर को सुबह के प्रथम क्षणों को देना दिन के शेष भाग के लिए अपनी प्राथमिकताओं को सीधी तौर पर पूरा करने में मेरी सहायता करता है। समय के इस वरदान का उपयोग परमेश्वर के साथ अपनी समस्याओं पर मनन करने के लिए इस्तेमाल न करें। इस समय परमेश्वर के साथ अपने हृदय को लगाइए जैसा भजनकार ने किया, जिसने लिखा, “हे यहोवा मैंने तो तुझी पर भरोसा रखा है, मैंने कहा, तू मेरा परमेश्वर है। मेरे दिन तेरे हाथ में है;” तू मुझे मेरे शत्रुओं और मेरे सतानेवालों के हाथ से छुड़ा। (भजन संहिता 31:14-15, इस वचन पर ज़ोर दें)।

बाइबल “भरोसा रखने और प्रभु में अपने संपूर्ण हृदय और मन के साथ धैर्य रखने के लिए और अपने अन्तदृष्टि या समझ पर नहीं चलने के लिए कहती है। अपने सभी मार्गों में उसे जानिए, पहचानिए, और उसे स्वीकार कीजिए, और वह आपको मार्ग दिखाएगा और आपके रास्तों को सिधा करेगा। अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न होना।” (नीतिवचन 3:5-7)।

परमेश्वर हमें यह कहते हुए सुनना चाहता है कि, “प्रभु, मैं नहीं जानता की आप इसे कैसे करने जा रहे हैं। मुझे इस बात की चिंता नहीं कि आप यह कैसे करते हैं। मैं जानता हूँ कि यह सही होने जा रहा है। मैं अपनी सभी परिस्थितियों में आप पर भरोसा रखता हूँ। मेरे समय आपके हाथों में है।  मेरे जीवन की पहली प्राथमिक्ता आप पर भरोसा रखना है।”

Facebook icon Twitter icon Instagram icon Pinterest icon Google+ icon YouTube icon LinkedIn icon Contact icon