सो हे मेरे प्यारो, जिस प्रकार तुम सदा से आज्ञा मानते आए हो, वैसे ही अब भी न केवल मेरे साथ रहते हुए पर विशेष करके अब मेरे दूर रहने पर भी डरते और कांपते हुए अपने अपने उद्धार का कार्य पूरा करते जाओ। (फिलिप्पियों 2:12)
हम पवित्र आत्मा को हमारे जीवनों में घुसपैठ करने की अनुमति दे सकते है। हम उसकी उपस्थिति और शक्ति के साथ इतना भर सकते है कि हम कौन है और सब जो हम करते है के प्रत्येक पहलू में हम उसे आने की अनुमति देते है। वह हमारे विचारों, भावनाओं, और यहां तक कि हमारी इच्छाओं में आ सकता और हमारे पूर्ण प्राण में संपूर्णता को ला सकता है, पर वह एक नियंत्रण को चाहता है।
पवित्र आत्मा से कहें कि आप जो उसने आप में किया को परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा आपके जीवन में लाने के लिए उसके साथ कार्य करने को तैयार है। “इसे कार्य करने वाला बनाए” जो कि आज के लिए वचन का विषय है, जिसका अर्थ है कि हमें आत्मा के द्वारा जीवन व्यतीत करना सीखना आवश्यक है। हमें अन्दर से बाहर जीवन व्यतीत करना सीखना चाहिए। परीक्षा और पाप में जाने के द्वारा परमेश्वर को शोकित करने के प्रति सचेत रहें। एक ऐेसे ढंग में जीवन व्यतीत करना सीखें कि आप का विवेक हर समय पूरी तरह शुद्ध रहे।
आप सोच रहे हो सकते है कि, जॉयस यह सब बेहद कठिन प्रतीत होता है और मुझे नहीं पता कि जो इसके लिए चाहिए वो मेरे पास है या नहीं। पर मैं, आपको यकीन दिलाना चाहती हूं कि जो इसके लिए चाहिए वो आपके पास है, क्योंकि आपके जीवन में पवित्र आत्मा की सामर्थ्य है। आप इसे आपकी अपनी ताकत में नहीं कर सकते पर जब आप परमेश्वर के साथ साझेदार होते तो आप जीवन में जो भी करने की आवश्यकता वह कर सकते है। “मुश्किल से चलने” वाले जीवन के साथ संतुष्ट मत हो जबकि यहां पर बहुतायत का एक जीवन आपके लिए इंतजार कर रहा है।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः कोई भी बात जो परमेश्वर को शोकित करती उससे फिरें।