
तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो मिट्टी है, और तू हमारा कुम्हार है; हम सब के सब तेरे हाथ के काम हैं। – यशायाह 64:8
परमेश्वर हमसे सिद्ध होने की माँग नहीं करता – उसने हमें बनाया है, और वह जानता है कि हम मनुष्य है और हम गलतियां करेंगे। हमारा काम है प्रतिदिन उठना और जो वरदान उसने हमें दिए हुए है उनके साथ परमेश्वर की सेवा के लिए हमारा उत्तम करना है। और जब हम गलतियां करते है, हमें परमेश्वर के साथ सही होना है, उसकी क्षमा को प्राप्त करना और आगे बढ़ना आवश्यक है।
बहुत से लोग महसूस करते है कि परमेश्वर उन्हें इस्तेमाल नहीं कर सकता क्योंकि वह सिद्ध नहीं है, पर यह एक झूठ है। परमेश्वर (कुम्हार) अपने कार्य को करने के लिए दरार पड़े हुए मटकों (वो हम है) को इस्तेमाल करता है। मसीही होते हुए, हम वो बर्तन है जिन्हें परमेश्वर अपनी भलाई और प्रकाश को एक अन्धकारमय संसार में, जहां कहीं भी हम जाते वहां इसे लोगों के साथ बाँटते हुए लेकर जाना है।
अपनी कमियों से न डरें; उन्हें स्वीकार करें और किसी भी ढंग में आपको इस्तेमाल करने की परमेश्वर को अनुमति दें। जो आप नहीं है के बारे में चिंता करना बंद करें और जो आप है वो परमेश्वर को दें। परमेश्वर पर जो कि सिद्ध है, और जो वह आप मैं और आपके द्वारा कर सकता है उस पर अपना ध्यान लगाए रखे।
एक दरार आया हुआ मटका होते हुए, आप अद्भुत बातों को कर सकते है। आप किसी को प्रसन्न कर सकते है। आप अपने इर्द-गिर्द को उत्साहित कर सकते, सीखा सकते और सम्बोधित कर सकते है। आप परमेश्वर की सेवा के लिए आपके वरदानों और योग्यताओं का इस्तेमाल कर सकते है।
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, मैं एक “दरार वाला मटका” हो सकती हूँ, पर आप कुम्हार है और आप मेरी कमियों के बावजूद भी अपने उद्देश्य के लिए मुझे इस्तेमाल कर सकते है। मुझे अपनी भलाई और प्रकाश से भरे ताकि मैं आपको मेरे इर्द-गिर्द संसार में ले जा सकूँ।