परमेश्वर लोगों के द्वारा कार्य करता है

परमेश्वर लोगों के द्वारा कार्य करता है

और जैसी हम ने आशा की थी, वैसी ही नहीं वरन् उन्होंने प्रभु को फिर परमेश्वर की इच्छा से हम को भी अपने आपको दे दिया। -2 कुरिन्थियों 8:5

एक सुबह मैं परमेश्वर के साथ मेरी प्रार्थना के समय को व्यतीत कर रही थी, और मैंने प्रभु से कहा, “कैसे आप संसार में सारे दर्द को – भूखे मर रहे बच्चों, मानव तस्करी, नरसंहार, अन्याय, अपमान, गरीबी को-देखते हुए भी कुछ करते क्यों नहीं?

मैंने इसे एक शिकायत करके नहीं कहा या मैं उसकी ईमानदारी पर शंका नहीं कर रही थी, और मैं यह भी नहीं जानती थी कि मैं सचमुच एक उत्तर की उम्मीद कर रही थी, पर मैंने केवल उससे पुछा। तुरन्त उसका उत्तर वापस आयाः “मैं लोगों के द्वारा कार्य करता हूँ। मैं इंतजार कर रहा हूँ कि मेरे लोग उठें और कुछ करें।”

आप और मैं एक सेना, मसीह की देह का हिस्सा है, और इस संसार को बदलने के लिए हम प्रत्येक को अपना-अपना भाग करना होगा। परमेश्वर हमारे द्वारा कार्य करना चाहता है, और वह हमें प्रेम को पहनने और काम पर लगने के लिए बुला रहा है।

2 कुरिन्थियों 8 में, पौलुस ने बताया कि कैसे मकिदुनिया की कलीसिया ने दिया था, उसने कहा, उन्होंने प्रभु को फिर परमेश्वर की इच्छा से हम को अपने व्यक्तिगत हितों का पूरी तरह अनादर करते हुए, उन्होंने जितना संभव हो सके तना दिया, खुद को हमारे अधिकार में दे दिया परमेश्वर की इच्छा द्वारा निर्देशित होने के लिए {उसके कार्यकर्ता होते} भी दे दिया…

यह मुझे हैरान करता है, क्योंकि उन्होंने केवल अपना धन ही नहीं दिया-उन्होंने स्वयं को भी दे दिया। परमेश्वर हमें भी उसी ढंग से जीवन व्यतीत करने के लिए बुला रहा है। और प्रभु के लिए कार्य करते एक व्यक्ति के पास एक गहन फर्क बनाने की योग्यता होती है! इस तरह कैसे आप स्वयं को प्रभु के लिए देंगे और आज उसके कार्यकर्ता बनेंगे?


आरंभक प्रार्थना

परमेश्वर, मैं आपको मेरे द्वारा कार्य करने के लिए निमंत्रण देती हूँ। मैं स्वार्थ को छोड़ना और प्रेम को चुनना चुन लेती हूँ ताकि मैं संसार को बदलने के लिए आपके द्वारा इस्तेमाल की जा सकूँ।

Facebook icon Twitter icon Instagram icon Pinterest icon Google+ icon YouTube icon LinkedIn icon Contact icon