परमेश्वर हमारे अंदर आ जाते हैं

और पवित्र आत्मा के द्वारा {सबसे बड़ी परवाह के साथ सहायता से} जो हम में बसा हुआ है, इस अच्छी धरोहर {सत्य} की रखवाली कर {सौंपा गया है}। (2 तीमुथियुस 1:14)

पुराने नियम के समय में, आदम और हव्वा, अदन के बगीचे में परमेश्वर के साथ चलते थे, और मूसा सीनै पर्वत पर परमेश्वर से मिलता था। आज, परमेश्वर हमें हमारे बगीचों में नहीं मिलता, न ही वह हमें पास के पहाड़ों पर मिलता हैं, जहां हम उन्हें आमंत्रित करके बातचीत कर सकते हैं। वह अब डेरे में रहना पसंद नहीं करता, जैसे वह उस समय रहा करता था जब इस्राएलियों ने जंगल में यात्रा की थी। और वह मानव हाथों द्वारा बनाई गई ईमारत में नहीं रहता हैं।

जब हम मसीह को स्वीकार करते हैं, तो पवित्र आत्मा हमारे अंदर बसने के लिए आता है (यूहन्ना 14:20 देखें)। परमेश्वर हमारी आत्माओं में आने का फैसला करते हैं हमारे जीवन के मुख्य केंद्र में जहाँ वह हमारे लिए किसी भी चीज से अधिक करीब हो सकते हैं। जब परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमारे दिलों में आता है, तो हमारी आत्माएं उसके लिए एक निवास स्थान बन जाती हैं (1 कुरिन्थियों 3:16-17 देखें) और हमारी आत्मा पवित्र हो जाती है क्योंकि परमेश्वर वहाँ हैं।

जिस पवित्र अवस्था में हम विश्वासियों के रूप में होते हैं, उस अवस्था को फिर हमारी आत्माओं और हमारे शरीर में ढाल दिया जाता है, और परमेश्वर चाहता है कि यह हमारे रोजमर्रा के जीवन के माध्यम से स्पष्ट हो। यह एक प्रक्रिया के रूप में होता है, और हम परिवर्तन के जिन चरणों से गुजरते हैं, वह उन लोगों के लिए हमारी गवाही बन जाते हैं जो हमें जानते हैं। हम वास्तव में सीख रहे हैं कि अंदर से बाहर की ओर कैसे जीना है! परमेश्‍वर ने हमारी आत्मा में एक अद्भुत काम किया है और पवित्र आत्मा हमें सिखा रहा है कि किस तरह से जीना है ताकि हम ऐसी दुनिया के साक्षी बन सकें जिसे इसकी आवश्यकता है।


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः अंदर से बाहर की ओर जीएं!

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