पवित्र आत्मा एक ऊँचा उठानेवाले के रूप में

पवित्र आत्मा एक ऊँचा उठानेवाले के रूप में

मैं पिता से विनती करूँगा, और वह तुम्हें एक और सहायक (सहायक, परामर्शदाता, मध्यस्थ, बिचवई, समर्थ्य देनेवाला) देगा कि वह सर्वदा म्हारे साथ रहे। – यूहन्ना 14:16

क्या आप जानते हैं कि पवित्र आत्मा की सेवकाई में से एक ऊँचा उठाना भी है। इससे पहले कि यीशु मसीह स्वर्ग में उठाया जाए उसने अपने शिष्यों से कहा,“मैं तुम्हारी सांत्वना कर्ता बनने के लिए पवित्र आत्मा को तुम पर देने हेतु मैं पिता से माँगने जा रहा हूँ।” यूनानी शब्द जिसमें से“सांत्वना”देने वाला शब्द इस पद में अनुवाद किया गया है वह पाराक्लेटोस है। जिसका तात्पर्य है“किसी के बगल में आने के लिए बुलाया हुआ। जैसे किसी की सहायता के लिए।” दूसरे शब्दों में सांत्वना देनेवाला वह है जो प्रोत्साहित करने, उन्नति देने और उत्साह देने के लिए बगल में खड़ा होता है। सब कुछ जो पवित्र आत्मा करता है वह हमें ऊँचा उठाए रखने के लिए है। वह हमारा ‘‘स्थाई उठानेवाला है” कि हमें निराश होने से बचा कर रखे।

वेब्स्टर II न्यू कॉलेज डिकश्नरी (1995) के अनुसार निराश होने का तात्पर्य हैः
‘‘1. आत्मा में निम्न होनाः उदास होना। 2. दब जानाः नीचे की ओर। 3. सामर्थ्य या गतिविधि को कम कर देनाः कमज़ोर होना।”

जब शैतान आपके और मेरे विरूद्ध निराश करने के लिए आता है और वह हमारी आत्मा को निम्न करता है, हमें उदास करना, और हमें नीचे की ओर दबा देना परमेश्वर के लिए कार्यों और बल को कम कर देने का प्रयास कर रहा है। वह हमें आगे बढ़ने से रोके रखने का प्रयास कर रहा है क्योंकि निराश शब्द का एक पर्यायवाची शब्द पीछे की ओर जाना भी है। शैतान चाहता है कि हमे ‘‘सामर्थ्य से पीछे की ओर लौटाने”के लिए निराशा का इस्तेमाल करे, जब कि परमेश्वर हमें सामर्थ्य देने और आगे बढ़ाना चाहता है। प्रश्न यह है कि हम आगे की ओर बढ़ते हैं या नीचे की ओर दबाए जाते हैं?

हममें से हर एक को हमारे जीवन में प्रतिदिन निराशा करनेवाले लोगों या निरूत्साहित करनेवाले लोगों और हर परिस्थितियों से सामना करना होता है। फिर भी हमें पवित्र आत्मा अपने आपको ऊँचा उठाने में सहायता करने के लिए दिया गया है और हमारी देखभाल करता है।

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