परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ्य पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। – प्रेरितों के काम 1:8
मुझे याद है जब मैं एक नया जन्म पाई मसीही थी जो कलीसिया जीवन में क्रियाशील ढंग से शामिल थी, पर मैं मेरी समस्याओं पर जय नहीं पा रही थी। मैंने सोचा कि अगर मैं एक मसीही के समान कार्य करूँ और ऐसी दिखाई दूँ कि मैंने अपना कार्य कर लिया, मैं प्रसन्न रहूँगी। पर केवल सही कार्य करना ही काफी नहीं था, मुझे अन्दर से बदलाव की आवश्यकता थी।
प्रेरितों के काम 1:8, परमेश्वर गवाह होने के लिए उसकी सामर्थ्य को प्राप्त करने के बारे में कहती है। ध्यान दें कि यह गवाही देने के लिए नहीं पर गवाह होने के लिए कहती है। करना, होने से एक भिन्न बात है। मैंने बाहर से तो अपने आप को पॉलिश किया हुआ था, पर मेरा अंदरूनी जीवन बर्बाद था। कई बार अंदरूनी तूफान बाहर आ जाता था, और फिर हर कोई देख सकता था कि मैं वास्तव में वो नहीं थी जो मैं दिखाई देती थी।
धन्यवाद हो कि मैं उस स्थान पर आई जहां मैं मेरे जीवन में परमेश्वर के काम करने के लिए अति उतावली थी और जानती थी कि यहां पर उसके साथ मेरे संबंध में जितना मैंने अनुभव किया उससे कहीं ज्यादा था। जब मैंने सहायता के लिए प्रार्थना में उसे पुकारा, उसने एक शक्तिशाली ढंग से मुझे स्पर्श किया, और पवित्र आत्मा के उडेंले जाने से मुझे परमेश्वर और उसके वचन के लिए वो वास्तविक प्रेम दिया जो पहले मेरे पास कभी ना था। अब मैं इसका दिखावा नहीं कर रही थी।
मैं आपको वही पवित्र आत्मा की शक्ति को प्राप्त करने के लिए उत्साहित करती हूँ। उसे “करने” से ज्यादा आपको “होने” देने की अनुमति दें।
आरंभक प्रार्थना
पवित्र आत्मा, मुझे अपनी सामर्थ्य दें कि मैं “करने” से “होने” में जा सकूँ। मैं जो वास्तव में हूँ उससे आपको प्रेम और आपका अनुसरण करना चाहती हूँ।