पहला स्थान

हे बालको, अपने आप को मुरतों से बचाए रखो [कुछ भी जो आपके दिल में जगह को ले लेता है, वो जगह जो परमेश्वर की है, किसी भी किस्म की वस्तु जो आपके जीवन में पहला स्थान लेती है] (1 यूहन्ना 5:21)।

एक ऐसे व्यक्ति होते हुए जो परमेश्वर से सुनने की इच्छा रखता है, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप परमेश्वर को अपने जीवन में पहला स्थान दें। जब तक हमारी परमेश्वर के लिए इच्छाएं अन्य बातों के लिए हमारी इच्छाओं से मजबूत नहीं है, तो शैतान हमारा फायदा उठाएगा। एक बार जब हम सत्य को देखेंगे – तो वह अपने फायदे को खो देगा, और हम परमेश्वर के साथ संगति और संबंध में उग्र उन्नति करेंगे। हम में से ज्यादातर के लिए अंततः यह सीखने के लिए काफी लम्बा समय लगता है कि जो हमें चाहिए वह यह नहीं जो परमेश्वर हमें दे सकता है, बल्कि वह स्वयं परमेश्वर ही है।

अगर आप परमेश्वर को खोजने के लिए मेहनती है और स्वयं को अन्य सभी मूर्तियों से दूर रखते है, तो आप उसको आदर दे रहे है और वो आपको आदर देगा। वह स्वयं को आप पर प्रकट करेगा और आपको ऐसे ढंगों में आशीष देगा जिसकी आप ने कभी कल्पना नहीं की है। स्वयं को गंभीरता से पूछे कि क्या आपके जीवन में कुछ या कोई है जिसे आप परमेश्वर से पहले रखते है। अगर ऐसा कोई है, तब साधारणता परमेश्वर से आपको क्षमा करने के लिए कहें और अपनी प्राथमिकताओं में एक सुधार करें। वह हमारी पहली प्राथमिकता है और तब तक कुछ भी उचित रीति से कार्य नहीं करेगा जब तक हम उसे वो स्थान नहीं देते जिसका वो हकदार है।


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः परमेश्वर को अपने जीवन में पहले स्थान पर रखें।

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