पहली चीजें पहले

पहली चीजें पहले

इसलिये पहले तुम परमेश्‍वर के राज्य और उसके धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएँ भी तुम्हें मिल जाएँगी। मत्ती 6:33

अक्सर हम अपना सारा समय संपत्ति के लिए, आशीषों के लिए, अपनी समस्याओं के उत्तर के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करने में व्यतीत करते हैं, जब हमें वास्तव में केवल परमेश्वर की खोज करने की आवश्यकता होती है। जितना अधिक हम परमेश्वर को खोजते हैं क्योंकि हम केवल उसके साथ संबंध में रहना चाहते हैं, उतना ही अधिक हमारे जीवन में सब कुछ ठीक होते जाता है।

मेरी सेवकाई के शुरूआती वर्षों में, मैंने परमेश्वर से पूछा कि मैं सेवकाई को कैसे बढ़ा सकती हूं। नतीजा यह हुआ कि वह जैसी थी, वैसी ही रही। यह उतनी तेजी से नहीं बढ़ी जितनी मुझे उम्मीद थी, और कभी-कभी तो यह पीछे भी चली जाती थी। उस समय जो मुझे नहीं पता था, वह यह था कि मुझे केवल परमेश्वर के राज्य की खोज करने की आवश्यकता थी, और वह सेवकाई को विकसित करेगा।

सच तो यह है कि हमें कुछ भी देने के लिए हमें परमेश्वर से भीख मांगने की जरूरत नहीं है। यदि हम जो चाहते हैं वह उसकी इच्छा है, तो वह हमें वह देगा जो हमारे लिए सही समय पर सर्वोत्तम होगा। हमें केवल इतना करना है कि परमेश्वर से प्रेम करें और पहले उसकी खोज करें तथा चीजों को उसके तरीके से करना चाहे। जब हम ऐसा करते हैं, तब हम परमेश्वर के साथ एक निकटता विकसित करेंगे जो कि सफलता को, या परमेश्वर की भौतिक आशीषों को ठीक से संभालने के लिए महत्वपूर्ण होती है।

हमेशा परमेश्वर की “उपस्थिति” की खोज करें, न कि परमेश्वर के “उपहारों” की। वह आपको बहुत सी अच्छी चीजें देगा, लेकिन उसे हमारे जीवन में पहला स्थान चाहिए। हमें उसको छोड़ किसी अन्य देवता की उपासना नहीं करनी चाहिए!


किसी और चीज से पहले परमेश्वर की खोज करें, उसमें बने रहें, और आप पहले से कहीं अधिक उसके करीब आ जाएंगे।

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