
तब पतरस ने कहा, ‘‘अब मुझे निश्चय हुआ कि परमेश्वर किसी का पक्ष नहीं करता।’’ -प्रेरितों 10:34
यीशु ने अपने दिनों में विभाजित करनेवाली दिवारों से व्यवहार किया। यहूदी अन्यजातियों के लिए घृणा महसूस करते थे जिन्हें वे कुत्ते कहा करते थे। बहुत से पुरूष स्त्रीयों को अपने से तुच्छ समझते थे और उनके गलत स्वभाव के कारण कई बार महिलाओं से दुर्व्यवहार होता था। एक महिला के रूप में मैं पीछे देख सकती हूँ और सभी पुरूषों से घृणा करने का निर्णय ले सकती हूँ क्योंकि मेरे पूर्वज स्त्री ने पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया था। उसी प्रकार एक पागल और दुष्टात्माग्रस्त एडोल्फ हिटलर नामक व्यक्ति के कारण यहूदी लोग जर्मानों से घृणा करते हुए जी सकते हैं। अमेरिकी जापानियों से घृणा कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने पर्ल बंदरगाह पर बमबारी की और संयुक्त देशों को दूसरे विश्वयुद्ध में धकेल दिया। अफ्रीकी अमेरिकी गुलामी के कारण गोरे लोगों से घृणा करते हुए जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
हममें से कोई भी भूतकाल में जाकर उसे मिटा नहीं सकते। चाहे हम कितना भी चाहें यह सम्भव नहीं है। यहाँ तक कि हम लोगों को उन बातों के लिए वापस भूगतान भी नहीं कर सकते हैं जो उन्होंने हमारे लिए किया या बीते समय में हमारे लिए नहीं कर सके या करने में पराजित रहे। केवल परमेश्वर यह कर सकता है। हमारा एक मात्र शांतिपूर्ण विचार भूल जाना जो पीछे रह गया और आगे की ओर बढ़ना है जो हमारे आगे है (फिलिप्पियों 3:13-14 देखिए)।
जीवन बहुत छोटा है कि हम घृणा करते हुए उसे खर्च करें। इस क्षेत्र में स्वयं को जाँचे, इस विषय में ईमानदार हों कि आप पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं या नहीं। चाहे आप थोड़ा सा पूर्वाग्रह भी पाए उससे पश्चाताप् करें और गंभीरता पूर्वक प्रार्थना करें कि यह आपके हृदय से दूर किया जाए। अपने आप से कहें, ‘‘मैं किसी से अच्छा नहीं हूँ। हम सब परमेश्वर की दृष्टि में बराबर हैं। प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर की सृष्टि है और उसने कहा कि जो उसने बनाया है वह अच्छा है।’’