प्रकाश से भयभीत न हों

प्रकाश से भयभीत न हों

जो समाचार हमने उससे सुना और तुम्हें सुनाते हैं, वह यह है कि परमेश्वर  ज्योति है और उसमें कुछ भी अन्धकार नहीं (नहीं किसी भी प्रकार नहीं)। -1 यूहन्ना 1:5

परमेश्वर की ज्योति बातों को प्रगट करती हैं (यूहन्ना 3:20; 1 कुरिन्थियों 4:5 देखिए)। जब किसी कमरे में प्रकाश चलाया जाता है तो हम उस कमरे और गंदगी को देखते हैं। परमेश्वर ज्योति है (1 यूहन्ना 1:5 देखिए) जब वह हमारे जीवन में शामिल होता है तो वह हमें कई बातें दिखाना प्रारंभ करता है जिसमें हमें देखने की पहल नहीं करनी चाहिए। ऐसी बातें जिन्हें हमने गुप्त में रखा है यहाँ तक कि स्वयं से भी। हम लगातार धोखा खाते हैं विशेष करके स्वयं के विषय में। हम अपनी गलतियों के साथ व्यवहार नहीं करने की पहल करते हैं। न ही हम उनके प्रगट होने में प्रसन्न होते हैं। हम उनके विषय में दोषी महसूस कर सकते हैं परन्तु कम से कम महसूस करते हैं कि वे छुपे हुए हैं। किसी भी छिपी हुई बात को हमारे ऊपर सामर्थ्य है क्योंकि हम डरते हैं कि यह बाहर आ जाएगा। सब से श्रेष्ठ और सब से अधिक स्वतन्त्र करनेवाली बात जो हम कर सकते हैं वह उन चीज़ों को देखना है जो परमेश्वर हमारे सामने प्रगट करना चाहता है और उन बातों के भय से परे हो जाना है।

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