प्रभु हमारा शरणस्थान है

प्रभु हमारा शरणस्थान है

हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूँ। यहोवा मेरी चट्ठान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ानेवाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्ठान है, जिसका मैं शरणागत हूँ, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा

गढ़ है। मैं यहोवा को, जो स्तुति के योग्य है, पुकारूँगा; इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा।  – भजन संहिता 18:1-3

एक चट्ठान, एक निश्चित नीव के बराबर है। जब परीक्षा का जल उछाल मारता और हम से आ टकराता हैं तब हमें वैसा करना चाहिए जैसा दाऊद ने किया और चट्ठान पर चढ़ गया जो हम से अधिक ऊँचा है। दाऊद परमेश्वर को अपना गढ़ भी कहता है। गढ़ एक कीला, एक सुरक्षा, एक ऐसा स्थान है जिसमें हम तब जाते हैं जब हम पर आक्रमण या शीकार होता है। यह ऐसा छिपने का स्थान नहीं है जहाँ पर हमारा शत्रु हमें ढूँढ़ नहीं सकता है। यह सुरक्षा का एक ऐसा स्थान है जिसमें हम देखे जा सकते हैं परन्तु हम तक पहुँचा नहीं जा सकता क्योंकि हम परमेश्वर की सुरक्षा में सुरक्षित हैं।

दाऊद ने प्रभु को अपना ऊँचा गढ़ भी कहा है – एक और सुरक्षित और एक ऐसा स्थान जहाँ पर पहुँचा नहीं जा सकता है – जैसा कि उसका ढ़ाल और झिलम है – जो रक्षात्मक हथियारों का भाग है जो विश्वासियों के चारो ओर रहता है (इफिसियों 6:10-17 देखिए)। परमेश्वर केवल हमारे ऊपर नहीं परन्तु हमारे चारों तरफ़ है, वह हमारे नीचे है। क्योंकि भजनकार कहता है, “परमेश्वर (निरंतर) धर्मी को संभालता है।” (भजन संहिता 37:17)

परमेश्वर हमें अपने सामर्थी दाएँ हाथ के द्वारा संभालता है और जैसा यरूशलेम के पवित्र शहर के चारों ओर पर्वत का घेरा है उसी प्रकार वह हमें घेरे रहता है। शैतान हमारे चारों तरफ़ है परन्तु परमेश्वर हमारी ओर है, और हम पर है और हमारे साथ है और हममें है। चूँकि वह हमारी देखभाल करता है, वह हम पर ध्यान देता है और हमें बचाए रहता है कि हम उसके पंखों के नीचे विश्राम और शांति पाए जब हम अपने चिंता को उस पर डाल देते हैं।

Facebook icon Twitter icon Instagram icon Pinterest icon Google+ icon YouTube icon LinkedIn icon Contact icon