बहुत प्रेम किये गए

बहुत प्रेम किये गए

प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्‍वर से प्रेम किया, पर इस में है कि उसने हम से प्रेम किया और हमारे पापों के प्रायश्‍चित के लिये अपने पुत्र को भेजा। 1 यूहन्ना 4:10

हम में से बहुत से लोग मानते हैं कि परमेश्वर जगत से प्रेम करता है, लेकिन हम व्यक्तिगत रूप से हमारे लिए उसके प्रेम के बारे में निश्चित नहीं होते हैं, या हम महसूस कर सकते हैं कि जब हम अच्छे होते हैं तब परमेश्वर हमसे प्रेम करता है, लेकिन वह हमसे तब प्रेम नहीं करता जब हम गलतियां और पाप करते हैं। परमेश्वर का प्रेम वह कौन है इस बात पर आधारित है, न की इस बात पर कि हम क्या करते हैं। वह हमसे प्रेम करना कभी बंद नहीं करता है, हमारे जीवन के एक पल के लिए भी नहीं!

परमेश्वर आपसे प्रेम करता है! आप उसके लिए खास हैं। वह आपसे इसलिए प्रेम नहीं करता क्योंकि आप एक अच्छे इंसान हैं या आप योग्य चीजें करते हैं। वह आपसे इसलिए प्रेम करता है क्योंकि वह प्रेम है। प्रेम कोई ऐसी चीज नहीं है जो परमेश्वर करता है; वह स्वयं प्रेम है।

परमेश्वर का प्रेम न तो अर्जित किया जा सकता है और न ही उसके योग्य कोई है। इसे विश्वास से प्राप्त करना चाहिए। वह अनंत परमेश्वर है, और वह थकता नहीं है। हम में से बहुत से लोग सोचते हैं कि हमने अपनी असफलताओं और गलतियों से परमेश्वर को कष्टी कर दिया है, लेकिन आप ऐसा नहीं कर सकते। हो सकता है कि वह हमेशा आपकी हर बात को पसंद न करे, लेकिन वह आपसे प्रेम करता है। प्रेम उसका अटल स्वभाव है।

परमेश्वर के प्रेम को कार्य करने दें। आपके प्रति उसके प्रेम को स्वीकार करें। उस पर मनन करें। इसे आपको मजबूत करने दें और आपको उसके साथ घनिष्ठ संबंध में लेकर आने दें। फिर उस प्रेम को दूसरों के साथ साझा करने के अवसरों की तलाश करें।


यदि आप पृथ्वी पर एकमात्र व्यक्ति होते, तौभी यीशु ने केवल आपके लिए उन सभी कष्टों को सहा होता।

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