प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिए भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शांति दूँ; कि बन्दियों के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूँ। -यशायाह 61:1
बाइबल बताती है कि यीशु खेदित मन वालों को शांति देने, हमारे टूटे हृदयों को जोड़ने और चंगा करने, ओर हमें राख के बदले सुंदरता और शोक की बजाए हर्ष का तेल देने के लिए आया था (देखें यशायाह 61:1-3)।
बहुत से मसीही इन आयतों को पढ़ते और जानते है कि परमेश्वर हमें शरीरिक और आत्मिक बीमारी से चंगा करना चाहता है, पर यहां पर उस में कुछ ज्यादा है। सच्चाई यह है कि हमारी भावनाएं हमारी बनावट का हिस्सा है और वह हमारे दूसरे अंगो के समान ही बीमार हो सकती है।
संसार आज उन लोगों से भरा हुआ है जो भावनात्मक दर्द से पीड़ित है। कारण अक्सर, शोषण, तिरस्कार, त्यागे जाना, धोखा, निराशा, न्याय, आलोचना या दूसरों के द्वारा नकारात्मक व्यवहार होता है। यह भावनात्मक दर्द शरीरिक दर्द से भी ज्यादा विनाशकारी होता है क्योंकि लोग महसूस करते कि उनको इसे छिपाना है और ऐसे दिखावा करना जैसा कि यह असली नहीं है।
अगर आपके जीवन में कोई भावनात्मक जख्म है, तो आपको यह जानने की जरूरत है कि यीशु आपको चंगा करना चाहता है। यह सोचने की गलती ना करें कि वह केवल आपको आत्मिक और शरीरिक तौर पर ही चंगा करने में रूचि रखता है। अपने जख्मों को उसके पास लेकर जाएं। यीशु जहां कहीं भी आप चोटिल है वहां आपको चंगा करना चाहता है।
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, मेरे प्रत्येक भाग की …जिसमें मेरी भावनाएं भी आती है उसकी परवाह करने के लिए आपका धन्यवाद। कोई भी जो भावनात्मक दर्द और जख्म मेरे पास है, मैं उसे आपके पास लाती हूँ। मैं जानती हूँ कि आप मुझे चंगा और बहाल कर सकते है।