तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में [तुम मुझ में रहो, और मैं तुम में रहूंगा] जैसे डाली दाखलता में बनी न [अनिवार्य के साथ एक] रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते। (यूहन्ना 15:4)
जितना ज्यादा हम परमेश्वर के साथ हमारे संबंध को विकसित करते है, उतना ज्यादा हम उत्साहित और जोशीले बन जाते है और वो अच्छा भी है। फिर भी, हमें उत्साह से ज्यादा कुछ लोगों को दिखाना चाहिए; उन्हें वास्तविक बदलाव और अच्छे फल का प्रमाण देखने की आवश्यकता है।
पौलुस कहता है कि हमारा जीवन वो पत्रियां होनी चाहिए जिन्हें लोग पढ़ सके (देखें 2 कुरिन्थियों 3:3)। दूसरे शब्दों में, हमारा व्यवहार हमारे शब्दों और भावनाओं से ज्यादा ऊँचा बोलता है। पिछले कई सालों से मैंने यह पाया है कि उत्साह और जोश, धैर्य, भलाई, दया, अच्छी शैली और लोगों की सहायता करने की एक इच्छुकता के साथ मिला होना चाहिए। निश्चय ही, हमें लोगों को यीशु के बारे में बताना चाहिए क्योंकि सही समय पर बोले गए शब्द बहुत सहायक हो सकते है, पर सच्चे मसीही अपने फलों के द्वारा पहचाने जाते है।
जितना ज्यादा आप परमेश्वर के साथ समय खर्च करते है, उतना ज्यादा फल परिणामस्वरूप आप उस संबंध से पाएंगे। यह अच्छा फल है जो परमेश्वर को महिमा देता और यह अच्छा फल है जो लोगो के साथ सबसे ऊँचा बोलता है। मैं जानती हूं कि लोग जिन्हें मैंने अपने शब्दों के द्वारा कायल करने का प्रयास किया कि मैं बदल गई हूं वह कभी भी कायल नहीं हुए थे, पर बाद के सालों में उन्हें सहायता की जरूरत थी और जब हम ने उनकी सहायता की, उन्होंने पहचाना कि परमेश्वर ने निश्चय ही हमारे जीवनों में कार्य किया था। अच्छे फल के साथ बहस करना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि जो हम कहते कि हम है यह उसका प्रमाण है। मैं आपको उत्साहित करती हूं कि आप हर समय कैसे लोगों के साथ बर्ताव करते उसके प्रति सावधान रहें।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः आज का दिन समाप्त होने से पहले आप निश्चय कुछ लोगों के साथ मुलाकात करेंगे। उन्हें मुस्कराते हुए छोड़ आगे बढ़े!