भय का सामना करना

भय का सामना करना

सचेत हो, और जागते रहो; क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जनेवाले सिंह के समान इस खोज में रहता है कि किस को फाड़ खाए।  -1 पतरस 5:8

ध्यान दें कि बाइबल कहती है “हो” सकता है और “नहीं हो” सकता है। दूसरे शब्दों में, चाहे वह आपको फाड़ खाने के योग्य हो या न हो, आपको कुछ करना है। यदि आप शैतान के विषय में कुछ भी जानते हैं, तो आप जानते होंगे कि उसके पास कोई सामर्थ्य नहीं है। उसके पास केवल वही सामर्थ्य है जो आप उसे देते हैं।

भय उसकी पसंदीता चालों में से एक है इसलिए वह आपको रोकने के लिए भय को इस्तेमाल करने का प्रयास करेगा। परन्तु उससे हार मत मानिए, आगे बढ़िए और उसे डराइए। जब परमेश्वर आपसे किसी को एक पर्चा या किसी व्यक्ति को गवाही देने के लिए कहता है, तो कहिए “हाँ प्रभु, मैं वह करना चाहता हूँ जो तू मुझे करने के लिए कह रहा है। मैं कुछ भय महसूस कर रहा हूँ प्रभु, परन्तु मैं विश्वास करता हूँ कि तू मेरे साथ है। इसलिए मैं यह करने जा रहा हूँ।” जब परमेश्वर आपसे अतिरिक्त कुछ बड़ी भेंट चढ़ाने के लिए कहता है क्योंकि वह चाहता है कि आप इसे एक बीज के रूप में रोपित करें (लूका 6:38 देखिए)। ताकि आप अपनी आर्थिक स्थिति में ऊँचे उठ जाएँ कहिए, “हाँ प्रभु, मैं यह करूँगा। मैं इस माध्यम को जानता हूँ, मैं जानता हूँ कि इसका तात्पर्य है कि मुझे सच में आप पर कुछ प्रबंध के लिए आप पर भरोसा रखना है परन्तु चूँकि मैं विश्वास करता हूँ कि मैं तुझ से सुनता हूँ, मैं यह करूँगा।”

परमेश्वर ने जो मंजिल आपके लिए रखी है उसे शैतान हराने न पाए। बाहर निकलिए और अपने दर्द का सामना कीजिए। आप विजयी मसीही हो सकते हैं या ऐसे हो सकते हैं जो परमेश्वर की भरपूरी का आनंद उठाने के योग्य न हों। दोनों में केवल एक ही अंतर है कि एक भय के द्वारा रूका हुआ है और दूसरा डराता है। आज डराने का निर्णय लें!

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